दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वी.के. सक्सेना ने शनिवार को दिल्ली भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड (डीबीओसीडब्ल्यूडब्ल्यूबी) की 17 कल्याणकारी योजनाओं को मंजूरी दी।

निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड की इन योजनाओं में वितरण की निरंतर निगरानी और निगरानी के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं।

आधार अधिनियम, 2016 की धारा 7 के तहत अनुमोदित योजनाएं यह सुनिश्चित करेंगी कि वास्तविक लाभार्थियों को आधार-आधारित प्रमाणीकरण के बाद सभी वित्तीय लाभ जैसे विकलांगता पेंशन, अनुग्रह भुगतान, चिकित्सा सहायता, मातृत्व लाभ, मृत्यु लाभ आदि केवल डीबीटी के माध्यम से दिए जाएं।

एलजी कार्यालय ने कहा, “उद्देश्य रिसाव को कम करना और लाभ के लक्षित वितरण को बढ़ावा देना है। साथ ही काम करने की स्थिति, जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना और निर्माण श्रमिकों का कल्याण सुनिश्चित करना है।”

उपराज्यपाल ने उपरोक्त योजनाओं में वितरण प्रक्रिया की सख्त निगरानी का निर्देश दिया है। उपराज्यपाल ने “निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण को पूरी तरह से पारदर्शी, छेड़छाड़-मुक्त और वास्तविक” बनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।

एलजी ने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल वास्तविक निर्माण श्रमिक ही पंजीकृत हों और उन्हें डीबीओसीडब्ल्यूडब्ल्यूबी के फंड से लाभ मिले।

एलजी ने कहा, “इस प्रयोजन के लिए, संबंधित जिलों के उप श्रम आयुक्तों को केवल हकदार और वास्तविक लाभार्थियों को लाभ हस्तांतरण के पारदर्शी और कुशल कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार बनाया जा सकता है और पंजीकरण प्रक्रिया और पंजीकृत लाभार्थियों की सत्यता स्थापित करने के लिए एक कठोर अभ्यास किया जा सकता है। समवर्ती रूप से किया जाना चाहिए।”

फर्जी निर्माण श्रमिकों के कथित अनधिकृत और अवैध पंजीकरण और उसमें वित्तीय अनियमितताओं की जांच पहले से ही भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा की जा रही है।

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