जल मंत्री आतिशी ने शनिवार को एक बार फिर आरोप लगाया कि हरियाणा मुनक नहर के माध्यम से राजधानी दिल्ली को उसके हिस्से का 1050 क्यूसेक पानी नहीं छोड़ रहा है।
हालांकि संवाददाता सम्मेलन में वे इसके पीछे का कोई ठोस तर्क नहीं दे पाई। उनका कहना था कि गर्मी की वजह से पानी में वाष्पीकरण हो रहा है, इस वजह से 59 से 60 क्यूसेक पानी का नुकसान हो रहा है।
दरअसल जल मंत्री शनिवार को सुबह बवाना एंट्री पॉइंट पर पानी के बहाव का निरीक्षण करने गई थीं। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस समय दिल्ली में हीट वेब चल रही है, ऐसे में कम पानी छोड़ना दिल्ली वालों के साथ अन्याय है।
जल मंत्री का कहना था कि गर्मियों के दौरान जब हरियाणा 1050 क्यूसेक पानी छोड़ता है तो दिल्ली तक करीब 990 से 1040 क्यूसेक तक पानी पहुंचता है। उन्होंने बीते सप्ताह के आंकड़े देते हुए कहा कि पिछले एक हफ्ते से राजधानी दिल्ली को कम पानी मिल रहा है।
दिल्ली को एक जून को 924 क्यूसेक, चार जून को 884 क्यूसेक, छह जून को 856 क्यूसेक और सात जून को 840 क्यूसेक पानी मिला है।
उनका कहना था कि दिल्ली को 840 क्यूसेक पानी मिल रहा है। इसकी वजह साफ है कि हरियाणा मुनक नहर में दिल्ली का हिस्से का पर्याप्त पानी नहीं छोड़ रहा है, जबकि दिल्ली भयंकर जल संकट से गुजर रही है।
उनका कहना था कि यही स्थिति रही तो दिल्ली में पानी की किल्लत और बढ़ सकती है।
उन्होंने पेजयल की इस किल्लत के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि जल मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया है कि न्यायालय के निर्णय के बाद हरियाणा ने पानी देना कम कर दिया है, जबकि न्यायालय ने दिल्ली में पेयजल संकट दूर करने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली और हरियाणा के साथ समझौता है, उसके मुताबिक हरियाणा सरकार को मुनक नहर के जरिए रोजाना 1050 क्यूसेक पानी छोड़ना जरूरी है।