नासिक के त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में धर्म विशेष के युवकों द्वारा चादर चढ़ाने की कोशिश की गई, जिसके बाद काफी हंगामा हुआ. अब नासिक की घटना का असर उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है. दरअसल उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में स्थापित हजारों साल पुराने ऐतिहासिक हनुमान मंदिर में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. मंदिर प्रशासन के इस फैसले के बाद अब इस मंदिर में कोई भी मुस्लिम प्रवेश नहीं कर सकेगा. मंदिर प्रशासन द्वारा मुस्लिमों के प्रवेश पर पूर्णता प्रतिबंध लगा दिया गया है.
आपको बता दें कि अलीगढ़ में गिलहराज जी मंदिर काफी प्रसिद्ध है. माना जाता है कि यह विश्व का अकेला ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान जी की प्रतिमा गिलहरी रूप में विद्यमान है. मंदिर प्रशासन ने लोगों को जागरूक करने के लिए पोस्टर भी लगवा दिए हैं.
मंदिर में मुस्लिमों के प्रवेश के प्रतिबंध के बाद हिंदुओं के लिए भी ड्रेस कोड जारी कर दिया गया है. बिना ड्रेस कोड का पालन किए, कोई भी भक्त मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकेगा. बता दें कि मंदिर प्रशासन ने छोटे कपड़ों और कटी-फटी जींस को बैन कर दिया है. मंदिर के महंत का मानना है कि अशोभनीय वस्त्र पहनने से पूजा करने आए भक्तों का ध्यान भटकता है.
इस पूरे मामले पर मंदिर के महंत कौशल नाथ ने बताया कि हमने दो फैसले लिए हैं. एक तो मुस्लिमों का प्रवेश पूर्णता प्रतिबंध कर दिया गया है. देवालय में मुस्लिम पूजा करने नहीं जाएगा. जब पूजा नहीं करनी तो मंदिर में आने का क्या काम.
मंदिर के महंत ने कहा है कि अगर मंदिर में कोई जबरन प्रवेश भी करता है तो हम पुलिस से मामले की शिकायत करेंगे और उसकी जांच की मांग करेंगे. आपको यह भी बता दें कि मंदिर महंत के इन निर्णयों का भक्त समर्थन भी कर रहे हैं.
आपको बता दें कि हनुमान जी का यह ऐतिहासिक मंदिर गांधी पार्क थाना इलाके के अचलतालाब पर है. इस मंदिर को हजारों साल प्राचीन मंदिर माना जाता है. इस मंदिर में हनुमान जी को गिलहरी के रूप में पूजा जाता है. इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए भक्त अलीगढ़ के अलावा देश के विभिन्न इलाकों से आते हैं. माना जाता है कि इस मंदिर में पहुंचने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है.
आपको यह भी बता दें कि त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की घटना में एसआईटी जांच बैठा दी गई है, तो वहीं इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.