उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से राजनीति से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। जहां पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश जनपद कुशीनगर के जिलाध्यक्ष को छोड़कर कुशीनगर की समाजवादी पार्टी की जिला कार्यकारिणी, विधान सभा अध्यक्षों सहित विधान सभा कार्यकारिणी तथा अन्य फ्रन्टल संगठन के जिला अध्यक्षों सहित जिला कार्यकारिणी को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया हैं। इस बात की जानकारी समाजवादी पार्टी इकाई के अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने दी है। हालांकि जब कुशीनगर के जिला अध्यक्ष को नहीं हटाया गया तो लोगों के मन कई सवाल उठने लगा कि उन्हें क्यों नहीं हटाया गया।
आप को बता दें कि इसी वर्ष मार्च में सपा के कुशीनगर जिलाध्यक्ष रहे मोहम्मद शुकरुल्लाह अंसारी का निधन हो गया। वह लंबे वक्त से बीमार थे। वह 2023 में अध्यक्ष नियुक्त हुए और उसके बाद से पदासीन थे, हालांकि उनके निधन के बाद यह पद खाली हो गया। उसके बाद सपा ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के पूर्व सदस्य राम अवध यादव को कुशीनगर की जिम्मेदारी सौंपी। 23 मार्च को अखिलेश ने राम अवध को कुशीनगर का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राम अवध यादव की नियुक्त अभी बमुश्किल ढाई-तीन महीने पहले हुई है इस वजह से उन्हें नहीं हटाया गया।
गौरतलब है कि वर्ष 2026 में पंचायत चुनाव और साल 2027 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के पहले अखिलेश यादव संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं ताकि निष्क्रिय सदस्यों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए नए और विश्वस्त लोगों को जिम्मेदारी दी जाए। जिससे सत्ता में वापसी के दरवाजे खोले जा सके।