तुर्की की संसद ने स्वीडन के नाटो (NATO) का 32वां सदस्य बनने के प्रस्ताव पर काफी समय से लंबित विधेयक को मंजूरी दे दी है।

तुर्की की संसद ने मंगलवार को ग्रैंड नेशनल असेंबली में बहस के बाद विधेयक पर मतदान किया। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, कुल 346 सांसद मतदान के समय उपस्थित थे जिनमें से 287 ने पक्ष में और 55 ने विपक्ष में मत दिया जबकि चार ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।

उम्मीद है कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन कुछ दिनों के भीतर इस विधेयक पर हस्ताक्षर कर इसे कानून बना देंगे।

तुर्की की संसद की मंजूरी का स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टरसन ने स्वागत किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आज हम नाटो का पूर्ण सदस्य बनने के एक कदम और करीब हैं।”

तुर्की के समर्थन के साथ, हंगरी एकमात्र नाटो सदस्य देश रह गया है जिसने सैन्य गठबंधन में शामिल होने के लिए स्वीडन के आवेदन को मंजूरी नहीं दी है।

रूस द्वारा 2022 में यूक्रेन में अपना सैन्य अभियान शुरू करने के बाद स्वीडन और फिनलैंड ने नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। उनके शामिल होने के लिए नाटो के सभी सदस्यों की सर्वसम्मत मंजूरी की आवश्यकता है।

तुर्की ने पिछले साल मार्च में फिनलैंड की नाटो सदस्यता को मंजूरी दे दी थी, लेकिन स्वीडन के शामिल होने की प्रक्रिया धीमी कर दी।

अक्टूबर 2023 में एर्दोगन ने स्वीडन के नाटो परिग्रहण प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए और संबंधित विधेयक को मंजूरी के लिए संसद में प्रस्तुत किया।

तुर्की संसद की विदेशी मामलों की समिति ने दिसंबर 2023 में विचार-विमर्श के बाद स्वीडन की नाटो बोली को मंजूरी दे दी, जो इसे पूर्ण संसदीय मतदान के लिए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

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