तीनों सेनाओं के एकीकरण की तरफ एक बड़ा कदम उठाया गया है। पिछले सप्ताह कुछ आर्मी के अधिकारियों को वायुसेना और नौसेना में तैनात करने का आदेश दिया गया है। ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट के अधिकारी वायुसेना और नौसेना के युद्धपोतों पर तैनात होंगे। एक अधिकारी ने कहा, संयुक्त फोर्स तैयार करने की ओर यह पहला बड़ा कदम है।
यह आदेश मेजर और कैप्टन रैंक के अधिकारियों के लिए जारी किया गया था। बता दें कि सेना की तीनों यूनिट में ही ब्रह्मोस मिसाइल ऑपरेट करने की जरूरत होती है। यह देश की बहुत ही महत्वपूर्ण मिसाइलहै जो कि हाइपरसोनिक स्पीड से चलती है और 400 किलोमीटर तक मार कर सकती है।
एयरफोर्स के पास जमीन से ब्रह्मोस चलाने वाली यूनिट है और इसके अलावा 30-एमकेआई फाइटर जेट को भी मिसाइल फायर करने के हिसाब से मोडिफाइ किया गया है। सूत्रों का कहना है कि क्रॉस पोस्टिंग से कॉमन यूज प्लेटफॉर्म बढ़ेंगे और तीनों ही सेनाओं को आसानी होगी। जैसे कि एयर डिफेंस सिस्टम आकाशस यूएवी और हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल किया जाएगा।
तीनों ही यूनिट में कई एक ही तरह की मशीनें हैं। इसमें अडवांस हेलिकॉप्टर और चिनूक हेलिकॉप्टर शामिल हैं। वायुसेना के पास पहले से ही चिनूक हैं वहीं आर्मी ने इसके लिए ऑर्डर दिया है। पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ दिवंगत जनरल बिपिन रावत ने तीनों सेनाओं की फाइटिंग यूनिट के एकीकरण का प्लान किया था। हाल ही में दो डिविजन बनाए गए थे। डिफेंस स्पेस एजेंसी ौर डिफेंस साइबर एजंसी। इसमें क्रॉस पोस्टिंग का सिस्टम है।