चेन्नई। तमिलनाडु के विल्लुपुरम में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। तमिलनाडु के डीजीपी शैलेन्द्र बाबू ने बताया कि इस मामले के सिलसिले में चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिजन को 10-10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दिए जाने की भी घोषणा की।

पुलिस ने बताया कि यह घटना विल्लुपुरम के निकट मरकानम के एक्कियारकुप्पम में शनिवार रात हुई। मृतकों की आयु 45 से 55 साल के बीच थी। उसने बताया कि जहरीली शराब पीने वाले दो अन्य लोगों को पुडुचेरी के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि जहरीली शराब बेचने के संबंध में एक मामला दर्ज किया गया है और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

चेन्नई में जारी एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री स्टालिन ने तीन लोगों की मौत होने पर शोक जताया।

स्टालिन ने जहरीली शराब और नशीले पदार्थों के खतरे से निपटने के अपनी सरकार के संकल्प को रेखांकित करते हुए कहा कि दो निरीक्षकों सहित चार पुलिसकर्मियों को इस घटना के सिलसिले में निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने जहरीली शराब पीने से बीमार हुए लोगों को पचास-पचास हजार रुपये की मदद दिए जाने की भी घोषणा की।

विपक्षी दल अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) और पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) ने इस घटना को लेकर सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की निंदा की।

अन्नाद्रमुक के महासचिव एवं विपक्ष के नेता के. पलानीस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाले दस साल के शासन (2011 से 2021 तक) में अवैध शराब के लिए कोई जगह नहीं थी और उन्होंने इस घटना के लिए सत्तारूढ़ द्रमुक की च्च्अक्षमताज्ज् को जिम्मेदार ठहराया।

पीएमके के संस्थापक डॉ. एस. रामदास ने जहरीली शराब की बिक्री को लेकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की।

इस बीच, मरकानम के निवासियों ने इस मुद्दे को लेकर च्ईस्ट कोस्ट रोडज् पर यातायात बाधित कर दिया।

पुलिस ने बताया कि विरोध के कारण कुछ देर के लिए सडक़ पर यातायात बाधित रहा।

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