जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के एक वन क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच चार घंटे के भीतर दो बार गोलीबारी हुई। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि सबसे पहले मंगलवार रात 10.45 बजे कलां भाटा में गोलीबारी की घटना हुई, इसके बाद देसा वन क्षेत्र में जारी आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान देर रात दो बजे पंचन भाटा के पास गोलीबारी हुई।

सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात को यहीं पर सेना के चार जवान शहीद हो गए थे। अधिकारियों के मुताबिक, गोलीबारी की दोनों घटनाओं में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। उन्होंने बताया कि आतंकवादी अंधेरे, दुर्गम इलाके और घने जंगल का फायदा उठाकर भाग निकले। आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान दल के जवानों ने सोमवार देर शाम डोडा शहर से लगभग 55 किलोमीटर दूर देसा वन क्षेत्र के धारी गोट उरबागी में घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया था।

अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम और दुर्गम इलाके के बावजूद आतंकवादियों की तलाश की जा रही है। ये आतंकवादी पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए हैं। सीमा पार से घुसपैठ कर वन क्षेत्र में छिपे आतंकवादियों के सफाए के लिए सेना पैरा कमांडो के साथ तलाश अभियान तेज कर रही है। इसमें ड्रोन और हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है। सेना ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि वह सीमा पार से घुसपैठ कर आए विदेशी आतंकवादियों को खत्म करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ संयुक्त और समन्वित अभियान चला रही है, जो जम्मू क्षेत्र के उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ जिलों के ऊपरी इलाकों में और उसके बाद कश्मीर की ओर बढ़ रहे हैं। सेना ने कहा था, ‘‘उत्तरी कमान की सभी इकाइयां जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के संकट को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए अभियान जारी रहेंगे।

 

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