शामली। डेंगू के बढ़ते प्रकोप के कारण लोग डेंगू का शिकार हो रहे हैं। जिले में डेंगू, टाइफाइड, मलेरिया बुखार ने कहर बरपाया हुआ है। इसी के चलते बुखार ने दो भाइयों की जिंदगी छीन ली है। तीन दिन के अंदर बुखार ने एक घर के दो चिरागो को हमेशा के लिए बुझा दिया। मौत से जहां परिजनों में चीख पुकार मची हुई है वहीं गांव में भी शोक छाया हुआ है। गढ़ीपुख्ता क्षेत्र के गांव दुल्लाखेड़ी में भी बुखार ने दो मासूम बच्चों की जिंदगी छीन ली। गांव का ही अमित मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता हैं। उसने बताया कि तीन दिन पूर्व अमित के पांच वर्षीय बेटे अवन को बुखार आया जिसके चलते अमित ने अवन को स्थानीय चिकित्सक को दिखाया। जहां से चिकित्सक ने अवन को शामली के लिए रेफर कर दिया। परिजन अवन को लेकर शामली के बाल रोग विशेषज्ञ के यहां पहुंचे, लेकिन चिकित्सक ने हालत गंभीर देखते हुए उसे करनाल के लिए रेफर कर दिया, जैसे ही परिजन बच्चे को लेकर चले, उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इसी दौरान अमित के दूसरे 3 वर्षीय पुत्र अक्षित को भी बुखार हो गया। परिजन अक्षित को लेकर गढ़ीपुख्ता पहुंचे, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। उपचार के दौरान बृहस्पतिवार को अक्षित ने दम तोड़ दिया। बुखार से दो भाइयों की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मोहल्ले के लोग पीड़ित परिवार को सांत्वना देने में लगे हुए हैं। उधर, सीएमओ ने बुखार से मौत की जानकारी होने से इनकार किया है। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव दुल्लाखेड़ी में प्रत्येक घर में कई-कई सदस्य बुखार की चपेट में हैं, लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने गांव में कैंप लगाने की जहमत नहीं उठाई है। बुखार से पीडि़त लोग गढ़ीपुख्ता, शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ, करनाल आदि में उपचार करा रहे हैं।

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