दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के प्रोफेसर अपूर्वानंद झा ने दावा किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें सलाह दी है कि वह यात्रा की अनुमति प्राप्त करने के लिए अमेरिका के एक शैक्षणिक कार्यक्रम में उनके प्रस्तावित व्याख्यान का पाठ प्रस्तुत करें।

डीयू प्रशासन ने झा के इस दावे पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। झा ने इस कदम को ‘‘अभूतपूर्व’’ करार देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय की स्वायत्तता और शैक्षणिक स्वतंत्रता को कमजोर करता है।

हिंदी विभाग में संकाय सदस्य झा को ‘‘द यूनिवर्सिटी अंडर ए ग्लोबल ऑथॉरिटेरियन टर्न’’ शीर्षक से आयोजित संगोष्ठी में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया है। यह संगोष्ठी 23 अप्रैल से एक मई तक न्यूयॉर्क के द न्यू स्कूल में आयोजित की जाएगी।

झा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा, ‘‘मुझे रजिस्ट्रार कार्यालय से एक मेल मिला जिसमें मुझे अपने भाषण का पाठ मंजूरी के लिए जमा करने को कहा गया है। मेरे विचार से यह बहुत चिंताजनक है। हम डीयू की स्वायत्तता को जानबूझकर खो रहे हैं। यह अभूतपूर्व है क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है।

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