ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते युद्ध के बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी है। ट्रंप ने साफ कहा कि अमेरिका का ईरान पर हुए हालिया हमलों से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन अगर ईरान ने अमेरिकी हितों पर हमला किया तो “अमेरिका की पूरी सैन्य ताकत से जवाब मिलेगा, और ऐसा तबाही का मंजर सामने आएगा जो दुनिया ने पहले कभी नहीं देखा होगा।”यह बयान ट्रंप ने शनिवार रात अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘Truth Social’ पर दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ईरान और इज़राइल के बीच इस खूनी संघर्ष में सीधे तौर पर शामिल नहीं है, लेकिन अगर अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई तो यह चुप नहीं बैठेगा।
ट्रंप का बड़ा बयान- हमला हुआ तो तबाही तय”
ट्रंप ने कहा:”ईरान पर हुए हमले में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है। लेकिन अगर ईरान की तरफ से अमेरिका पर किसी भी तरह का हमला होता है तो अमेरिकी सशस्त्र बल पूरी ताकत से जवाब देंगे। और वो नतीजा ईरान ने पहले कभी नहीं देखा होगा।” यह बयान ऐसे समय में आया है जब इजराइल ने ईरान के कई परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला किया है, जिनमें कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए हैं। जवाब में ईरान ने भी इजराइल पर 150 से अधिक मिसाइलें दागी हैं, जिससे दोनों देशों के बीच खुला युद्ध छिड़ गया है।अब अमेरिका की स्थिति पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं-क्या वह इजराइल का समर्थन करेगा, या युद्ध से अलग रहेगा?
ट्रंप ने किया मध्यस्थता का प्रस्ताव
हालांकि ट्रंप ने साथ में यह भी कहा कि:”अगर हमें मौका मिले, तो हम ईरान और इजराइल के बीच शांतिपूर्ण समझौता करवा सकते हैं। हम इस खूनी संघर्ष को खत्म करना चाहते हैं।”यह बयान दर्शाता है कि ट्रंप संघर्ष में सीधा हस्तक्षेप नहीं चाहते, लेकिन सुरक्षा के नाम पर कठोर कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे।
अमेरिका की भूमिका और खतरे की आशंका
ईरान ने पहले ही अमेरिका और ब्रिटेन को चेताया है कि अगर उन्होंने इजराइल का साथ दिया तो उनके सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया जाएगा। मध्य पूर्व में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर पहले भी ईरान समर्थित समूहों के हमले हो चुके हैं। इस बीच अमेरिका में चुनावी माहौल भी गर्म है, और ट्रंप 2024 चुनाव के प्रमुख रिपब्लिकन उम्मीदवार हैं। उनका बयान राष्ट्रवादी और आक्रामक छवि को मजबूत करता है।