अहमदाबाद एयर इंडिया हादसे के बाद बोइंग के 787 ड्रीमलाइनर विमान की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद मेघानीनगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों और क्रू में से 200 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। यह विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर मॉडल था, जिसे लेकर साल 2024 में ही बोइंग के एक वरिष्ठ इंजीनियर सैम सालेहपोर (Sam Salehpour) ने गंभीर सुरक्षा चिंताएं जताई थीं।

क्या था सालेहपोर का दावा?


जनवरी 2024 में बोइंग में एक दशक से ज्यादा समय तक काम कर चुके सालेहपोर ने आरोप लगाया था कि 787 ड्रीमलाइनर की असेंबली के दौरान कंपनी ने कई शॉर्टकट (लापरवाह तरीके) अपनाए। उन्होंने दावा किया कि विमान की फ्यूजलेज (धड़) जोड़ते वक्त जरूरी मापदंडों की अनदेखी की गई, जिससे इसका ढांचा कमजोर हो सकता है और हजारों उड़ानों के बाद यह हवा में टूट सकता है।

उन्होंने यह भी बताया कि कई बार गलत ढंग से जुड़े हिस्सों को जबरदस्ती फिट किया गया। कर्मचारी विमान के हिस्सों पर कूदकर उन्हें जबरन जोड़ने की कोशिश करते थे। इससे विमान की लंबी अवधि की मजबूती और सुरक्षा पर खतरा है।

FAA और DGCA कर रहे हैं जांच


सालेहपोर की शिकायत के बाद अमेरिका की फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने बोइंग की मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया की जांच शुरू की थी। अब, भारत की विमानन नियामक संस्था DGCA भी एयर इंडिया क्रैश की जांच कर रही है। हालांकि अभी तक इस हादसे का सीधा संबंध सालेहपोर की चेतावनी से नहीं जोड़ा गया है, लेकिन यह हादसा फिर से बोइंग 787 की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहा है।

2011 के बाद पहली बार ड्रीमलाइनर में बड़ा हादसा


एयर इंडिया का यह हादसा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के 2011 में लॉन्च होने के बाद पहला घातक हादसा है। इससे पहले इस मॉडल को “सुरक्षित और अत्याधुनिक” माना जाता रहा था।

बोइंग पहले से विवादों में


बोइंग के 737 मैक्स मॉडल को लेकर पहले ही कई विवाद हो चुके हैं:

– 2018-19 में Lion Air और Ethiopian Airlines के दो 737 मैक्स विमानों के हादसों में 346 लोगों की मौत हुई थी।

– 2024 में Alaska Airlines की फ्लाइट में 737 Max 9 का दरवाज़ा उड़ गया, जिसके बाद इस मॉडल को भी अस्थायी रूप से ग्राउंड किया गया।

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