झारखंड सरकार के एक आदेश को लेकर सियासत तेज हो गई है। सरकार ने अपने आदेश में मुस्लिम अधिकारी-कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। इस आदेश में प्रतिदिन शाम चार बजे छुट्टी और जुम्मे के दिन नमाज पढ़ने के लिए दोपहर में विशेष छुट्टी का जिक्र है। अब इसी को लेकर हेमंत सोरेन सरकार पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने पलटवार किया है। निशिकांत दुबे ने एक्स पर लिखा कि झारखंड अब इस्लामिक राज्य है, झारखंड सरकार खुद मानती है कि 648 विद्यालय में छुट्टी रविवार के बदले शुक्रवार को होता है, 2007 में यह आदेश भी कांग्रेस के सरकार में ही लागू हुआ था।
निशिकांत दुबे ने आगे लिखा कि गोल मोल जबाब अंत में यही बताता है कि स्कूल जहाँ ज़बरदस्ती उर्दू लगा व रविवार के बदले शुक्रवार छुट्टी होती है उसकी संख्या हज़ारों में है। उन्होंने बाद में मीडिया से बाद करते हुए कहा कि संपूर्ण जनसांख्यिकी बदल गई है, संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी 45% से घटकर 28% हो गयी है. मुसलमानों की आबादी 9% से बढ़कर 24% हो गई है। अगर आदिवासी विलुप्त हो गये तो हम कैसी राजनीति करेंगे? झारखंड का गठन आदिवासियों की भलाई के लिए हुआ था।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिये बढ़ रहे हैं। सरकार उन्हें खुश करने के लिए क्या कर रही है इसकी परतें खुलती जा रही हैं। मैंने हाल ही में सदन में यह मुद्दा उठाया था कि झारखंड के कई स्कूलों में उर्दू की पढ़ाई होती है और रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी होती है। मुझे लगता है कि केंद्र को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए, अन्यथा झारखंड की स्थिति ऐसी है कि एक दिन वे इसे बांग्लादेश में विलय कर देंगे। उन्होंने कहा कि कल मेरा ट्वीट रमज़ान के लिए था जहां उन्होंने (राज्य सरकार) सरकारी कर्मचारियों को शाम 4 बजे के बाद जाने की अनुमति दी है। देवघर में हमारी कांवर यात्रा है, पूरे 1 महीने की छुट्टी क्यों नहीं है? हिंदू और मुसलमानों के लिए अलग-अलग कानून क्यों?