राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। इन सब के बीच कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जो राम से नफरत करता हो वो हिंदू नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि राम मंदिर को रोकने के जो प्रयास हुए हैं उसे सारी दुनिया जानती है… राम से नफरत कौन करता है और राम के प्रति श्रद्धा किसकी है? मुझे नहीं लगता कि इस रहस्य पर कोई परदा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस का हिस्सा होने का मतलब ये नहीं है कि सच को सच और झूठ को झूठ न कहा जाए। मैंने महसूस किया है कि कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता हैं जिन्हें राम मंदिर से ही नहीं राम से भी नफरत है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह देश का सौभाग्य है कि हम राम मंदिर के उद्घाटन के साक्षी बनेंगे। स्टार प्रचारक ना बनाए जाने को लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि नाराजगी का कोई कारण नहीं है। हो सकता है उन्हें (कांग्रेस) हिंदुओं के समर्थन की जरूरत ना हो या किसी हिंदू धर्म गुरू को स्टार प्रचारक बनाने का जो मकसद होता है उन्हें उसमें कोई कमी नजर आ रही हो। ये पार्टी का निर्णय है। इंडिया गठबंधन पर उन्होंने कहा कि गठबंधन के एक साथ आने का मुख्य कारण मोदी और भाजपा सरकार को हटाना था। अफसोस की बात है कि अफसोस की बात है कि विपक्ष यह भूल गया है कि उसे अब देश से नफरत होने लगी है जबकि वह नरेंद्र मोदी से इतनी नफरत करता है।
बिहार के मुख्यमंत्री के महिलाओं पर अपमानजनक बयान और जीतन राम मांझी पर उनकी टिप्पणी पर कांग्रेस के आचार्य कृष्णम कहते हैं, “नीतीश कुमार ने राज्य विधानसभा में महिलाओं की गरिमा को तार-तार कर दिया और इंडिया गठबंधन के किसी भी नेता ने इसके खिलाफ कुछ नहीं कहा।” विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी गलतियों के लिए मोदी को दोषी ठहराना चाहता है और उनकी जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता…नीतीश कुमार ने महिलाओं की गरिमा को तार-तार किया और भारत की संस्कृति पर काला धब्बा लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि गांधी परिवार के बिना कांग्रेस की कोई पहचान नहीं है। संपूर्ण विपक्ष और इंडिया गठबंधन के पास प्रियंका गांधी से अधिक लोकप्रिय कोई दूसरा नेता नहीं है। अगर कांग्रेस नरेंद्र मोदी को कड़ी टक्कर देना चाहती है तो प्रियंका गांधी को पीएम उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए।