उत्तराखंड में जोशीमठ मलारी पुल के पास गिर रहे पत्थरों के बीच मलबे में दबकर एक मजदूर की मौत हो गई।

एक घायल मजदूर को एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सुरक्षित निकाल लिया। पुलिस कोतवाली जोशीमठ द्वारा मंगलवार को एसडीआरएफ की टीम को सूचना दी गई। बता दें कि मारवाड़ी पुल के पास दो व्यक्ति मलबे में दबे हुए थे।

घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम उपनिरीक्षक विनीत देवरानी के नेतृत्व में आवश्यक उपकरणों के साथ तत्काल मौके के लिए रवाना हुई। मौके पर पहुंचकर एसडीआरएफ की टीम ने बिना समय गंवाए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचते ही एक मजदूर को मलबे में दबा पाया। मजदूर का अधिकांश हिस्सा मलबे में दबा हुआ था, केवल सिर ऊपर दिखाई दे रहा था।

रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होते ही पहाड़ी का एक हिस्सा टूटकर मलबे में दबे मजदूर पर गिरने लगा। अचानक हुई इस घटना से मजदूर व रेस्क्यू टीम पर पत्थर गिरने लगे। ऐसी मुश्किल परिस्थिति में एसडीआरएफ के कांस्टेबल प्रदीप लसियाल और कांस्टेबल शेखर नागरकोटी ने सूझबूझ का परिचय देते हुए पास में खड़ी जेसीबी की मदद से पत्थरों को गिरने से रोका। इस साहसिक प्रयास से उन्होंने न सिर्फ मजदूर की जान बचाई बल्कि बचाव दल को भी सुरक्षित रखा।

इसके बाद टीम ने भारी बारिश के बीच तुरंत कार्रवाई करते हुए मलबा हटाया और दिनेश नामक मजदूर को घायल अवस्था में बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया। दूसरे मजदूर गम बहादुर का शव स्थानीय पुलिस ने पहले ही बरामद कर लिया था। घायल मजदूर दिनेश नेपाल का रहने वाला है। मृतक मजदूर गम बहादुर भी नेपाल का रहने वाला था।

इस बचाव अभियान में उप निरीक्षक आशीष तोपवाल, अतिरिक्त उप निरीक्षक देवेंद्र सिंह, कांस्टेबल प्रमोद मठपाल, कांस्टेबल शेखर नागरकोटी, कांस्टेबल प्रदीप लसियाल और पैरामेडिक्स कमल ने अहम भूमिका निभाई।

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