उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर के विपिन खंड में जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन केंद्र (JPNIC) में शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव को जाने से रोकने पर सपा समेत विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) में जुबानी जंग तेज हो गई है। भाजपा ने JPNIC को 2017 से पहले उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार के कार्यकाल में व्याप्त भ्रष्टाचार का नमूना करार दिया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक अवस्थी ने कहा कि 2012 से 2017 के बीच सत्ता में रही अखिलेश यादव सरकार का कार्यकाल काम नहीं बल्कि कारनामों के लिए जाना जाता है और जेपीएनआईसी इन्हीं काले कारनामों में से एक है। वास्तव में जेपीएनआईसी परियोजना भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण है, जहां तीन बार बजट रिवाइज कर घोटाले को अंजाम दिया गया, लेकिन फिर भी निर्माण कार्य पूरा नहीं किया जा सका।
भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ”अराजकता और गुंडई सपा की पहचान बन चुकी है। आज जब सम्पूर्ण देश मां भगवती जी के पावन पर्व ‘महानवमी’ मना रहा है तब समाजवादी पार्टी के अराजक तत्वों ने आपातकाल का पुरजोर विरोध करने वाले सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन के प्रणेता एवं भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के दिखावटी समर्थक बनकर देश-प्रदेश में अराजकता का माहौल पैदा करने पर तुले हुए हैं।” चौधरी ने कहा कि ”कांग्रेस के प्रति दरियादिली रखने वाली समाजवादी पार्टी के नेता आज लोकनायक को झूठी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की सरकार समस्त प्रदेशवासियों को सुरक्षा और हर्षोल्लास के साथ समस्त त्योहारों को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है।”