मेरठ में जीवित पशु और मवेशियों को विदेशों में एक्सपोर्ट करना धर्म को ठेस पहुंचाता है। अज्ञानी राजनेताओं की वजह से कानून की मंजूरी दी जा रही थी। लेकिन समय रहते प्रधानमंत्री मोदी ने कानून पर रोक लगा दी। इसी खुशी में जैन समाज ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा। उनका कहना है कि यदि इस तरीके का कानून बनेगा तो जैन समाज हमेशा विरोध में रहेगा।

सुरेश जैन ऋतुराज ने बताया कि जैन समाज भगवान महावीर के ‘अहिंसा परमो धर्म’ के अनुयायी है। पशु और मवेशियों के मांस का व्यापार करने वाले अज्ञानी लाइव स्टॉक एक्सपोर्ट का कानून बनाना चाहते थे। जिसके लिए विधेयक पेश भी किया गया। तभी से जैन समाज विधेयक के विरोध में था। उन्होंने बताया कि जीवित पशु, पक्षियों एवं मवेशियों को हेराफेरी करके उनके निर्यात को इस प्रकार बढ़ावा देना संविधान के प्रावधानों और भावना के एकदम विपरीत है।

अभी भी कई देशों में जीवित पशुओं को एक्सपोर्ट किया जाता है, जो गलत है। ऐसे विधेयक पारित होने से राष्ट्रीय पशु संपत्ति के हितों पर अत्यंत प्रतिकूल प्रभाव पड़ता। इसी को लेकर विधेयक पेश किया था। जिसे सोमवार ना मंजूर कर दिया गया। इसी खुशी में जैन समाज के लोगों ने कलेक्टर पहुंचकर प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है।

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