दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है। अब सबकी निगाहें भाजपा के उम्मीदवारों की सूची पर लगी हुई हैं। हम आपको बता दें कि भाजपा ने इस बार नारा दिया है- दिल्ली में आ रही है भाजपा। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के खिलाफ जिस तरह की नाराजगी देखी जा रही है उससे भाजपा इस बात के लिए पूरी तरह आश्वस्त है कि इस बार उसका राज्य की सत्ता से वनवास खत्म होगा और उसे शासन करने का मौका मिलेगा। भाजपा में उत्साह काफी देखा जा रहा है लेकिन फिर भी पार्टी फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही है और उम्मीदवारों के चयन में कोई गलती नहीं करना चाहती। उम्मीदवारों के चयन के लिए पार्टी में विभिन्न स्तरों पर कई बैठकें हो चुकी हैं और उम्मीदवारों की सूची पर काम काफी आगे बढ़ चुका है।
बताया जा रहा है कि भाजपा के प्रत्याशियों की सूची इस महीने के अंत तक आ सकती है, जिसमें पार्टी नये चेहरों पर दांव लगा सकती है। भाजपा की दिल्ली इकाई के एक शीर्ष पदाधिकारी ने कहा, “राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा उम्मीदवारों के चयन पर अंतिम दौर की बैठकें अभी होनी बाकी हैं। ये बैठकें 20 दिसंबर को संसद सत्र समाप्त होने के बाद होंगी।” उन्होंने कहा कि पार्टी अपने उम्मीदवारों की सूची इस महीने के अंत तक जारी कर सकती है। बताया जा रहा है कि उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया अग्रिम चरण में है और प्रत्येक सीट से तीन संभावित उम्मीदवारों की सूची पहले ही बना ली गई है। भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा, “इस बार संभावना है कि पार्टी महिलाओं और युवाओं समेत नये चेहरों पर दांव लगाएगी, जिनकी जमीनी स्तर पर मजबूत पकड़ है और क्षेत्रों में लोगों के बीच पहुंच है।” बताया जा रहा है कि इनमें से कई लोग ऐसे होंगे जिन्होंने अब तक चुनाव नहीं लड़ा है। इसके अलावा भाजपा ने दिल्ली में जिन छह सांसदों को इस बार लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया था उन्हें भी विधानसभा चुनाव लड़वाया जायेगा।
बताया जा रहा है कि दो या अधिक बार चुनाव हार चुके वरिष्ठ नेताओं पर पार्टी इस बार शायद दांव न लगाए और पिछले चुनावों में नजदीकी मुकाबले में हारने वालों की इस बार काफी जांच-पड़ताल होने की संभावना है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि इस बार जीतने की संभावना प्रमुख कारक होगी, क्योंकि शीर्ष नेता सर्वेक्षणों और जमीनी स्तर से प्राप्त रिपोर्ट जैसे प्रामाणिक फीडबैक तंत्रों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर अंतिम निर्णय लेंगे। यह भी बताया जा रहा है कि हाल के महीनों में भाजपा में शामिल हुए कुछ नेताओं को टिकट देने पर गंभीरता से विचार किया जा सकता है। पार्टी नेताओं ने बताया कि इनमें दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे राज कुमार चौहान और ‘आप’ सरकार के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत और राज कुमार आनंद शामिल हैं। दिल्ली में 1998 से सत्ता से बाहर भाजपा सत्तारुढ़ ‘आप’ को शिकस्त देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। आम आदमी पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ लगातार 2015 से दिल्ली की सत्ता पर काबिज है। बताया जा रहा है कि चुनाव की तारीख जनवरी के मध्य तक घोषित होने की संभावना है और मतदान 10 फरवरी के बाद हो सकता है।
हम आपको यह भी बता दें कि सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए सभी 70 सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अब तक 21 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं जबकि लोकसभा चुनावों में दोनों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और एक भी सीट नहीं जीत पाये थे।