जातिगत जनगणना को लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के बयान के बाद आरएसएस ने टिप्पणी की है। आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक और विदर्भ प्रांत प्रमुख श्रीधर घाडगे ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस जनगनणना के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि आरएसएस सामाजिक समानता को मजबूत करने का काम रहा है। जातियों के बीच भेदभाव खत्म हो रहे हैं। ऐसे में जातिगण जनगणना का संदेश समाज में अच्छा नहीं जाएगी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने जाति-आधारित जनगणना की मांग का विरोध किया है। आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक और विदर्भ प्रांत प्रमुख श्रीधर घाडगे ने कहा कि जातिगत जनगणना होने से देश में सामाजिक असमानताएं बढ़ेंगी। नागपुर आरएसएस के स्मृति मंदिर परिसर पहुंचे घाडगे ने इस हफ्ते मंगलवार को ये बात कही। दरअसस श्रीधर घाडगे यहां भाजपा और शिवसेना विधायक आरएसएस संस्थापक केबी हेडगेवार को श्रद्धांजलि देने के लिए नागपुर के रेशिमबाग में स्मृति मंदिर परिसर पहुंचे थे।
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए घाडगे ने कहा, “हम सामाजिक समानता के पक्ष में हैं। सामाजिक असमानता कैसे आई? इसका प्रमुख कारण जाति है। महात्मा गांधी समेत समेत भारत कके सभी प्रमुख नेताओं ने ये बात स्वीकार की, उनका मानना था कि जाति को समयबद्ध तरीके से खत्म किया जाना चाहिए।”
घाडगे ने कहा कि एक ओर हम कहें की जातियां के बीच भेदभाव खत्म हो और दूसरी ओर हम जातिगण सर्वेक्षण कराएं, तो ये दोनों कदम विरोधाभासी हो जाएंगे। घाडगे ने दावे के साथ कहा कि अगर जाति जनगणना कराई जाती है तो सामजिक रूप से व्यवस्थागत समस्याएं भी सामने आएंगी।
आरएसएस संस्थापक केबी हेडगेवार को श्रद्धांजलि देने के लिए नागपुर के रेशिमबाग में स्मृति मंदिर में आयोजित कार्यक्रम महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों, बीजेपी विधायक समेत कई जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। हालांकि नागपुर से बाहर होने के चलते कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और संगठन महासचिव दत्तात्रेय होसबले शामिल नहीं हो पाए। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस भी शामिल हुए। इस मौके पर आरएसएस विदर्भ प्रांत प्रमुख “हम सामाजिक समानता के पक्ष में हैं। सामाजिक असमानता क्यों आ गई है? यह जाति के कारण है… महात्मा गांधी और बाकी सभी ने कहा है कि जाति को समयबद्ध तरीके से खत्म किया जाना चाहिए।”