राजस्थान की विधानसभा पिछले दो दिनों से ‘दादी’ बयान को उपजी सियासत का शिकार बनी हुई है. शुक्रवार को सदन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने एक सवाल के जवाब में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को कांग्रेस विधायकों की दादी बता दिया था जिसके बाद सदन में शुरू हुआ हंगामा शांत नहीं हुआ. शुक्रवार को तीन बार सदन की कार्यवाही हंगामे की वजह से स्थगित करनी पड़ी और इसके बाद स्पीकर ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा समेत कुल छह विधायकों को सदन की बची हुई अवधि के लिए निलंबित कर दिया.
अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने छह विधायकों के निलंबन के बाद सदन की कार्यवाही को सोमवार सुबह ग्यारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया लेकिन कांग्रेस के तमाम विधायकों ने सदन नहीं छोड़ा और सदन में ही धरना शुरू कर दिया. देर रात तक ये कयास लगाये जाते रहे कि इस धरने को खत्म करने के लिए सरकार की तरफ़ से प्रयास किए जायेंगे.
विधायक कर रहे हैं यह मांग
ऐसा हुआ भी जब तीन मंत्रियों ने नेता प्रतिपक्ष टीका राम जूली से मुलाक़ात की. लेकिन इस वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकला. कांग्रेस की मांग थी कि मंत्री गहलोत के दादी वाले बयान को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया जाए और मंत्री से माफ़ी मंगवाई जाए. इसके अलावा अपने छह विधायकों के निलंबन को भी रद्द करने की मांग कांग्रेस पार्टी ने की थी. इसी बीच स्पीकर देवनानी जयपुर से अजमेर चले गए और गतिरोध बना रहा.
सदन में हो सो गए विधायक
जब कांग्रेस को लगा कि अब कोई रास्ता नहीं बचा है तो देर रात धरने पर बैठे विधायकों कि लिए खाना और बिस्तर सदन में ही मंगवा लिए गए. कांग्रेस के सभी विधायकों ने वही सदन में खाना खाया और सो गए.सोने से पहले कांग्रेसी विधायकों ने सदन में भजन कीर्तन भी किया.
नहा-धोकर वापस सदन पहुंच गए कांग्रेस विधायक
सुबह हुई तो कई कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के सामने बने अपने घरों तक पहुंचकर स्नान ध्यान किया और फिर वापस तैयार होकर सदन में पहुंच गए. कांग्रेस के एक विधायक घनश्याम मेहर ने विधानसभा के गेट पर अपने इलाके से आए समर्थकों से मुलाक़ात की और उनके आग्रह पर हुक्के का एक कश भी लगाया. हालांकि बाद में घनश्याम मेहर ने हुक्के खींचना ग़लत भी बताया.
दोपहर तक विधायकों का घर से तैयार होकर सदन में वापसी का क्रम जारी रहा. इस बीच निलंबित छह विधायकों में से दी विधायकों जाकिर हुसैन गैसावत और संजय कुमार जाटव की ब्लड शुगर का स्तर काफ़ी अधिक हो गया. इसकी वजह से सदन में डाक्टर को बुलाया गया. ये दोनों विधायक निलंबित हैं इसलिए बाहर नहीं जा सकते.
कांग्रेस के सचेतक रफीक खान के मुताबिक जरूरत पड़ने पर सदन में ही आईसीयू बेड का इंतज़ाम किया जाएगा. नेता प्रतिपक्ष टीका राम जूली का कहना है कि चाहे हमें कितने दिन भी धरना देना पड़े लेकिन जब तक सरकार हमारी मांगें नहीं मानेगी तब तक हम धरना जारी रखेंगे.