पहले हिमाचल प्रदेश और फिर कर्नाटक। दोनों विधानसभा चुनाव में मिली धमाकेदार जीत के बाद अब कांग्रेस प्रियंका गांधी के नेतृत्व कदमताल करने के लिए तैयार है। प्रियंका गांधी अब मध्यप्रदेश में भी विधानसभा चुनाव अभियान की शुरूआत करने जा रही है। इसका आरंभ होगा जबलपुर की विधानसभा से। 12 जून को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के जबलपुर में होने वाले कार्यक्रम के लिए जोरदार तैयारी शुरू कर दी है।
2018 के चुनाव में राहुल गांधी ने जबलपुर में नर्मदा पूजन के साथ चुनाव प्रचार शुरू किया था। प्रियंका गांधी के कार्यक्रम में भीड़ लाने की तैयारी के लिए एक टीम बनाई गई है। यह टीम पूरे महाकौशल के इलाके का कवर करेगी। इस कार्यक्रम के लिए महापौर से लेकर राज्यसभा सदस्य तक को जिम्मा सौंपा गया है। महाकौशल में 38 विधानसभा सीटें आती हैं। इसमें उन नेताओं को भी सक्रिय किया गया है जो राजनीति से दूर हो चुके थे।
कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी का कद दो जीत ने बढ़ा दिया है। प्रियंका के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस को जीत मिली थी। कर्नाटक में तो जेडीयू के गढ़ मांड्या को ही जीत लिया। कर्नाटक के चुनाव में मोदी के सवालों का जवाब देने जिम्मेंदारी अपने ऊपर ली और चुनाव को राहुल बनाम मोदी नहीं बनने दिया। पांच गारंटी का जबरदस्त प्रचार किया। वहीं हिमाचल को भावनाओं से बांध दिया। सबसे बड़ी बात यह कि दोनों ही राज्यों में ही कांग्रेस को जीत मिली और बड़े आराम से बिना किसी शोर शराबे के सरकार भी बन गई। राजस्थान की तरह इन दोनों राज्यों में कोई बड़ा मतभेद नहीं उभरा जिससे राज्य के लिए संकट खड़ा हो।
2018 में कांग्रेस के प्रचार अभियान की शुरूआत जबलपुर से हुई थी। इसके बाद महाकौशल के इस इलाके में शानदार प्रदर्शन किया था। कांग्रेस पार्टी यह मानकर चल रही है कि प्रियंका गांधी के आने के बाद जबलपुर की 8 विधानसभा सीटों सहित महाकौशल इलाके में बढ़त मिलेगी। यहां की सीटों पर मतदाताओं को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
ये हैं प्रियंका गांधी का कार्यक्रम
- दिल्ली से 12 जून की सुबह 10:30 बजे डुमना एयरपोर्ट पहुंचेंगी
- हेलीकॉप्टर से सुबह 10.45 बजे नर्मदा पूजन में गौरीघाट पहुंचेगी
- गौरीघाट से सड़क मार्ग से 11.15 बजे शहीद स्मारक मैदान पहुंचेगी
- शहीद स्मारक मैदान में 11.30 बजे प्रियंका गांधी की आमसभा होगी
- डुमना एयरपोर्ट से दोपहर 1.35 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की पांच गारंटी कार्यक्रम को आगे बढ़ा सकती है। इसमें प्रियंका गांधी प्रदेश की महिलाओं को 1500 रुपए की न्यूनतम आमदनी,मुफ्त सिलेंडर और मुफ्त सार्वजनिक परिवहन के वायदे को आगे बढ़ा सकती हैं। तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी प्रियंका सक्रिय भूमिका में रहेंगी। इन विधानसभा चुनावों में महिला संवाद बेहद प्रखर रूप से आगे आएगा। कर्नाटक चुनाव में इसका असर दिखाई दिया है।
कर्नाटक के चुनाव परिणाम ने कांग्रेस को एक नई ऊर्जा दी है। विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव को लेकर अब कांग्रेस आमने सामने की भिड़त के मूड में है। पार्टी में भी अब नेता फिर से भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हो गए हैं। कर्नाटक चुनाव से पहले राहुल गांधी की सदस्यता जाने से कांग्रेस के चुनावी अभियान पर फर्क पड़ा था लेकिन प्रियंका की सधी रणनीति ने कर्नाटक का किस्सा पलट दिया।
हिमाचल प्रदेश में प्रियंका गांधी ने 68 सीटों में से 40 सीटों पर कब्जा कर लिया। भाजपा महज 25 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने बताया कि प्रियंका गांधी ने कई बार बताया कि कैसे इंदिरा गांधी ने कहा था कि वह अपने जीवन के कुछ दिन हिमाचल में बिताना चाहती हैं और फिर राजीव गांधी ने उनकी अस्थियां यहां पहाड़ियों में बिखेर दी। यहीं से हिमाचल का चुनाव पलट गया। आमलोग भावनात्मक जुड़ाव महसूस करने लगी। जो कुछ कसर बाकी रह गई थी। वह पुरानी पेंशन योजना ने पूरी कर दी। प्रियंका गांधी हिमाचल प्रदेश से जुड़ाव है यही वजह है कि वह यहां का जुड़ाव समझ पाईं।
दक्षिण के राज्यों में कांग्रेस की लिस्ट में तेलंगाना पहले पायदान पर है। कांग्रेस यहां यह मानकर चल रही है कि यहां सरकार बनाई जा सकती है। यही वजह है कि प्रियंका गांधी ने हाल ही में यहां सभा की थी। यहां भाजपा तेलंगाना राष्ट्र समिति पर भारी पड़ने में लगी है तो कांग्रेस धीरे धीरे आधार बढ़ाने में लगी है। कांग्रेसी नेताओं की माने तो अगर यहां भी एकजुटता के साथ जोर लगाया जो तो पासा कांग्रेस के पक्ष में गिर सकता है।