बिहार में अब इफ्तार पार्टी पर सियासत शुरू हो गई है। पहले सीएम नीतीश कुमार ने इफ्तार का आयोजन किया। और अब उनकी पार्टी जेडीयू इफ्तार पार्टी का आयोजन हज हाउस में किया जा रहा है। जिस पर बीजेपी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि अगर जदयू रमजान पर इफ्तार का आयोजन करती है तो फिर रामनवमी पर भोज का आयोजन क्यों नहीं करती।
बीजेपी नेता विजय सिन्हा ने कहा कि जेडीयू तुष्टीकरण के खेल में अपनी सत्ता बचाने के चक्कर में राष्ट्र को कमजोर कर रही है। मुझे इफ्तार से आपत्ति नहीं है, लेकिन रामनवमी पर पूजा-प्रसाद का वितरण का क्यों नहीं होता, भोज का आयोजन क्यों नहीं होता। उन्होने कहा कि बिहार में तुष्टीकरण की राजनीति हो रही है। राज्य में क्राइम का ग्राफ बढ़ रहा है। अपराधियों पर अंकुश लगाने के बजाए, बेगुनाहों को जेल भेजने का काम किया जा रहा है। इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने एक अणे मार्ग स्थित ‘नेक संवाद’ में रमजान के मौके पर रोजेदारों को दावत-ए-इफ्तार पर आमंत्रित किया था। इस दौरान बीजेपी का कोई नेता इफ्तार में शामिल नहीं हुआ था। जिस पर नीतीश कुमार ने कहा सवाल के जवाब में कहा कि दावत-ए-इफ्तार का आयोजन हमलोग हर साल करते हैं।
उन्होने कहा कि सरकार की तरफ से इफ्तार का आयोजन होता है। इसमें भाजपा नेता शामिल होते रहे हैं। अगर भाजपा के लोगों को आपत्ति है तो उनसे ही पूछ लीजिए कि पहले आते थे तो इसबार क्यों नहीं आये? उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों को आजकल बिना मतलब की बात करने की आदत हो गई है। विपक्ष के लोग और अन्य दलों के लोग भी पार्टी के स्तर पर इसका आयोजन करते हैं। पहले सीएम नीतीश और अब जदयू के इफ्तार पर बीजेपी लगातार सवाल उठा रही है। और इसे तुष्टीकरण की राजनीति करार दे रही है।