उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी ने फिर से कोर्ट में जज साहब के सामने गुहार लगाई है। शुक्रवार (15 दिसंबर) को वाराणसी की एक कोर्ट ने 1997 के एक धमकी देने के मामले में बाहुबली मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई गई है। जिसको सुनकर वह पूरी तरह से टूट गए और जज से अपने लिए गुहार लगाने लगे।
कोर्ट में जज ने जैसे ही मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई, वैसे ही मुख्तार अंसारी ने अपने दोनों हाथ जोड़ लिए और सिर झुकाकर बैठ गए। उन्होंने कांपते हुए आवाज में जज से कहा, ”जज साहब इतना तो रहम कीजिए कि मेरी सभी सजाएं, कम से कम एक साथ चले।”
मुख्तार अंसारी की गुहार सुनकर जज का दिल पिघल गया और उन्होंने मुख्तार अंसारी की दलील को स्वीकार कर लिया और एक साथ सभी सजा चलाने का निर्देश दिया है। इस बात की पुष्टि बांदा जेल प्रशासन ने भी की है।
वाराणसी की कोर्ट मुख्तार अंसारी को धमकी देने के मामले में साढ़े 5 साल की सजा और 10 हजार का जुर्माना लगाया है।
मुख्तार अंसारी को लेकर एक अन्य अपडेट में उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि अगर जरूरत पड़ी तो वह बांदा जेल के अंदर मुख्तार अंसारी की सुरक्षा कड़ी कर देगी, ताकि उन्हें कोई नुकसान न हो।
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने अपने पिता को उत्तर प्रदेश के बाहर किसी भी जेल में स्थानांतरित करने का निर्देश देने की मांग की थी। इस याचिका में हिरासत में लिए गए व्यक्तियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए गए थे।