यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह के निर्देश पर जिला विद्यालय निरीक्षक ओमकार राणा ने मामले की जांच के बाद स्कूल के प्रबंधक ऋषभ त्रिपाठी और प्रधानाचार्य कृष्णमूर्ति त्रिपाठी को प्रवेश पत्र नहीं देने का दोषी माना है। सोमवार को दोनों के खिलाफ जेठवारा थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है।

डीआईओएस की ओर से गठित दो सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल के प्रधानाचार्य कृष्णमूर्ति त्रिपाठी और कक्षाध्यापक सुनील यादव ने स्वीकार किया है कि मृतक छात्र शिवम सिंह की 5600 रुपये फीस बकाया थी। दोनों का कहना है कि रविवार को 2:30 बजे प्रवेश पत्र लेने के लिए पहुंचे शिवम सिंह को बकाया फीस के बाबत बताया गया तो उसने कहा कि फीस लेकर आता हूं तो प्रवेश पत्र ले जाऊंगा।

वहीं, शिवम के पिता राजेन्द्र सिंह ने प्रभारी निरीक्षक थाना जेठवारा को दी तहरीर में लिखा है कि वह आर्थिक रूप से कमजोर हैं। यूपी बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए उनका बेटा प्रवेश पत्र लेने स्कूल गया था लेकिन प्रबंधक और प्रधानाचार्य पिछले चार दिनों से उसको प्रवेश पत्र नहीं दे रहे थे। यह कहकर भगा दिया गया कि पहले पूरी फीस जमा करें तब प्रवेश पत्र दिया जाएगा।

 

23 फरवरी को दोबारा प्रवेश पत्र लेने गया तो बेइज्जत करके भगा दिया गया। प्रवेश न मिलने से आहत शिवम ने रविवार रात लगभग आठ बजे घर के पीछे आम के पेड़ पर फांसी लगा ली जिससे उसकी मृत्यु हो गई। मृतक के पिता राजेन्द्र सिंह की तहरीर पर जेठवारा थाने में प्रबंधक और प्रधानाचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। 

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