मेरठ के परतापुर थाना क्षेत्र के मोहिउद्दीनपुर स्थित डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के किनारे मिट्टी डालने वाली पोकलेन मशीन के चालक मिथिलेश उपाध्याय ( 36 ) निवासी बिहार ने मशीन के आगे लेटकर खुदकुशी कर ली। इस दौरान मशीन ऑटोमेटिक मोड पर होने के कारण कॉरिडोर की लेयर पर चढ़ने के बाद खेतों में घुस गई। पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचना दी। बताया गया कि ठेकेदार के वेतन न देने और उत्पीड़न से परेशान होकर उसने जान दी है।

बिहार के सिवान जिले के नेहरवा गांव निवासी 36 वर्षीय मिथलेश उपाध्याय चार साल से डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर पर मिट्टी की लेयर समतल करने का कार्य कर रहे थे। आरोप है कि कंपनी ठेकेदार से उनका छह माह से पूरा वेतन रोक रखा है। इससे वह काफी परेशान था। थिलेश कंपनी के अन्य कर्मचारियों के साथ स्टेशन के पास बने कैंप में रहता था।

 

शुक्रवार शाम उसने साथी कर्मचारी गुड्डू को कुछ सामान लेने के लिए भेज दिया। इसी दौरान पोर्कलेन मशीन चालू करने के बाद मशीन के आगे कूदकर मिथिलेश ने जान दे दी। सामान लेकर लौटे गुड्डू ने यह मंजर देखा तो उसके होश उड़ गए। उसने ठेकेदार अजब सिंह और अन्य कर्मचारियों को घटना की जानकारी दी।

पोर्कलेन के सामने कूदकर दी जान

पोर्कलेन मशीन के सहायक गुडडू ने बताया कि पोर्कलेन मशीन ऑटोमेटिक मोड पर थी और मिथलेश के शरीर को रौंदने के बाद मशीन रेलवे ट्रैक पर चढ़ गई और पत्थर से टकराकर नीचे आ गई। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने मृतक के मोबाइल से नंबर से उनके परिजनों को जानकारी दी। पुलिस का कहना है कि परिजनों को सूचित कर दिया है।

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