आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य से बड़ी राहत मिली है। गोवा पुलिस ने मुख्यमंत्री के खिलाफ जारी समन को वापस ले लिया है, जिसके तहत उन्हें 27 अप्रैल को पेश होने को कहा गया था। केजरीवाल को यह राहत ऐसे समय पर मिली है जब उन्हें दिल्ली के गुजरात तक कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। गुजरात में जहां कोर्ट ने उन्हें डिग्री विवाद में समन किया है तो दिल्ली में उनके बंगले पर कथित 45 करोड़ रुपए के खर्च से लेकर शराब घोटाले तक को लेकर भाजपा उन पर हमलावर है।

गोवा पुलिस ने बुधवार को बंबई हाई कोर्ट को बताया कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सार्वजनिक संपत्ति को खराब करने के लिए जारी समन को वापस ले रही है। यह नोटिस उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों पर अवैध रूप से पोस्टर चिपकाने के एक मामले में जारी किया गया था। पुलिस ने 13 अप्रैल को सीआरपीसी की धारा 41 (ए) के तहत नोटिस जारी किया था। केजरीवाल ने पेरनेम पुलिस द्वारा उन्हें जारी समन को चुनौती दी थी। समन में केजरीवाल को 27 अप्रैल को जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था।

इस मामले की सुनवाई बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ के न्यायमूर्ति महेश सोनाक और न्यायमूर्ति वाल्मीकि मेनेजेस की खंडपीठ ने की। इस दौरान पुलिस ने कहा कि वो केजरीवाल को जारी समन वापस लेने जा रही है। केजरीवाल की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता सुबोध कंटक ने कहा कि पुलिस द्वारा अदालत में समन वापस लिए जाने की बात कहे जाने के बाद याचिका को निस्तारित कर दिया गया।  केजरीवाल को पुलिस नोटिस में कहा गया है, ‘संपत्ति को विरूपित करने के एक मामले की जांच के दौरान, यह पता चला है कि वर्तमान जांच के संबंध में आपसे तथ्यों और परिस्थितियों का पता लगाने के लिए पूछताछ करने के उचित आधार हैं।’केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने भारतीय जनता पार्टी शासित राज्य में 2022 के चुनावों में दो सीटें जीतीं।

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