उत्तर प्रदेश में अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में 80 की 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है। जिसके लिए भाजपा जोरों शोरों से तैयारियां कर रही है। इसी के चलते भाजपा दूसरे दलों को तोड़कर कर अपने साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने का काम कर रही है। कल भाजपा ने ‘मिशन डिमॉलिशन’ का आगाज भी कर दिया है। जिसके बाद बीजेपी में 15 बड़े विपक्षी नेता शामिल हुए। इनमें से बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले भी दो नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। इससे बसपा में हलचल मच गई और मायावती को एक बड़ा झटका लगा है।

बता दें कि भाजपा के ‘मिशन डिमॉलिशन’ का सिलसिला दारा सिंह चौहान से शुरु हुआ था, लेकिन आज देखा जा रहा है कि BJP विपक्षी दलों में सर्जिकल स्ट्राइक करती हुई नजर आ रही है। इस स्ट्राइक का सबूत सोमवार को लखनऊ के पार्टी कार्यालय में देखने को मिला, जहां 15 से अधिक बड़े-बड़े नेताओ ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के सामने भारतीय जनता का दामन थाम लिया। इन नेताओं में आगरा में दक्षिण विधानसभा से बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले रवि भारद्वाज और बसपा से खेरागढ़ से चुनाव लड़ने वाले गंगाधर कुशवाहा भाजपा में शामिल हो गए।

2022 में दक्षिण विधानसभा सीट से रवि भारद्वाज ने बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। वो यहां पर भाजपा के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के खिलाफ चुनाव मैदान में थे। वहीं, खेरागढ़ से चुनाव लड़ने वाले गंगाधर कुशवाह ने भी हाथी से उतर कर भाजपा का दामन थाम लिया है। गंगाधर कुशवाहा बसपा में लंबे समय से सक्रिय थे। वो जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। इन नेताओं के भाजपा में शामिल होने से बसपा को एक बड़ा झटका लगा है। भाजपा की विपक्षी दलों को तोड़ने की रणनीति काम कर रही है। जानकारी के मुताबिक आने वाले समय में और भी बहुत से बड़े नेता बीजेपी में शामिल हो सकते है।

 

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