आम आदमी पार्टी (AAP) ने आरोप लगाया है कि सात साल में करीब एक लाख करोड़ रुपये का घाटा उठाने वाली 33 कंपनियों ने टैक्स में छूट हासिल करने के लिए चुनावी बॉन्ड के जरिए या अन्य तरीके से भाजपा को 450 करोड़ रुपये का चंदा दिया।
राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनावी बॉन्ड व टैक्स में छूट देने के नाम पर भ्रष्टाचार किया और उसे जनता से छुपाया।
चुनावी बॉन्ड का डेटा जनता के सामने लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देते हुए संजय सिंह ने कहा कि सात साल में एक लाख करोड़ की घाटे वाली 33 कंपनियाें ने भाजपा को दान में 450 करोड़ रुपये दिए। इसका उन्होंने सिलसिलेवार ब्यौरा दिया।
संजय सिंह ने कहा कि 17 कंपनियों ने या तो एक पैसा भी टैक्स नहीं दिया या टैक्स में छूट प्राप्त की। छह कंपनियों ने भाजपा को 600 करोड़ रुपये का चंदा दिया। एक कंपनी ने अपने मुनाफे से तीन गुना ज्यादा दान दिया। एक अन्य कंपनी ने अपने मुनाफे से 93 गुना ज्यादा दान दिया। तीन कंपनियों ने 28 करोड़ रुपये का दान दिया और एक भी पैसा टैक्स नहीं दिया।
आप नेता ने कहा, “भारती एयरटेल ने भाजपा को 200 करोड़ रुपये का चंदा दिया, जबकि 2017-23 के दौरान उसे 77 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ। कंपनी को टैक्स में 8,200 करोड़ रुपये की छूट मिली। कुछ छूट अदालत के आदेश पर मिली थीं।”
सिंह ने कहा,“डीएलएफ ने भाजपा को 25 करोड़ रुपये दिए, लेकिन सात साल में उसे 130 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। उसे 20 करोड़ रुपये की टैक्स छूट मिली। स्टील स्टेटिक इंजीनियरिंग ने दान में 12 करोड़ रुपये दिए। सात वर्षों में उसे 150 करोड़ रुपये का घाटा हुआ और 160 करोड़ रुपये की टैक्स छूट प्राप्त की।”
सिंह ने आगे दावा किया, “धालीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर ने 115 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे और भाजपा को 25 करोड़ रुपये दिए। लेकिन टैक्स एक पैैसा भी नहीं दिया। सात वर्षों में उसे 299 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।”
आप सांसद ने कहा,“पीआरएल डेवलपर्स ने 20 करोड़ रुपये के बॉन्ड में से 10 करोड़ रुपये भाजपा को दिए, 4.7 करोड़ रुपये की टैक्स छूट प्राप्त की और कंपनी को 1,550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसी तरह शरत रेड्डी की कंपनी उज्वला फार्मा ने भाजपा को 15 करोड़ रुपये का चंदा दिया। कंपनी को 28 करोड़ रुपये का घाटा हुआ और 7.20 करोड़ की टैक्स छूट प्राप्त की।”
उन्होंने कहा कि मैत्रा एनर्जी ने भाजपा को 19 करोड़ रुपये के बॉन्ड में से लगभग 10 करोड़ रुपये दिए। लेकिन सात साल में उसे 86 करोड़ रुपये का घाटा हुआ और 126 करोड़ रुपये की टैक्स छूट मिली।