चीन ने उत्तरी बीजिंग के पहाड़ी हुआरौ जिले में दुनिया की सबसे शक्तिशाली हाइपरसोनिक विंड टनल का निर्माण पूरा कर लिया है। जेएफ-22 नाम की इस सुरंग का व्यास चार मीटर है। यह अविश्वसनीय रूप से प्रति सेकंड 10 किलोमीटर तक की उच्च वायु प्रवाह गति पैदा कर सकती है, जो ध्वनि की गति से 30 गुना ज्यादा है। चीन के यांत्रिकी संस्थान का कहना है कि यह विंड टनल चीन की हाइपरसोनिक महत्त्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी। सुरंग का इस्तेमाल अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली और हाइपरसोनिक विमानों के साथ-साथ सैन्य अनुसंधान में भी किया जाएगा।
चीनी सरकार ने 2035 तक हाइपरसोनिक विमानों के एक बेड़े को तैनात करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह बेड़ा यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने और एक घंटे के भीतर पृथ्वी के किसी भी बिंदु तक पहुंचने में सक्षम होगा। चीन के वैज्ञानिकों का कहना है कि विंड टनल हाइपरसोनिक उड़ान परिघटना के अध्ययन के लिए आदर्श प्रयोगशाला साबित होगी। शोधकर्ता यहां अध्ययन कर सकते हैं कि कैसे हाइपरसोनिक वाहन अपने परिवेश के साथ घुलते-मिलते हैं और प्रदर्शन तथा सुरक्षा बढ़ाने के लिए नई तकनीकों का विकास करते हैं।
दुनिया में अब तक हाइपरसोनिक मिसाइल को रोकने के लिए डिफेंस सिस्टम नहीं है। चीन अगर विंड टनल के जरिए मैक 33 की रफ्तार हासिल कर लेता है तो पूरी दुनिया के लिए खतरा साबित हो सकता है। इससे चीनी मिसाइलें 40 हजार किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड पा सकती हैं। उन्हें रोकने वाला कोई नहीं होगा। चीन के पास पहले से डीएफ-17 नाम की हाइपरसोनिक एंटी शिप मिसाइल है।
वायु प्रवाह पैदा करने के लिए पारंपरिक विस्तार विधियों का इस्तेमाल करने के बजाय चीन के प्रमुख वैज्ञानिक प्रोफेसर जियांग जोंगलिन ने नया शॉक वेव जनरेटर प्रस्तावित किया था। यह प्रणाली सटीक समय पर विस्फोटों की सीरीज का इस्तेमाल शॉक वेव्स बनाने के लिए करती है। इससे विंड टनल में वायु उच्चतम गति के प्रवाह में तब्दील होती है।