भारतीय वायु सेना (आईएएफ) लगातार अपने ताकत बढ़ाने में लगी है। अपने बेड़े में 12 Su-30MKI और करीब 100 मेड-इन-इंडिया एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू जेट शामिल करने की योजना के बाद ‘प्रलय’ बैलिस्टिक मिसाइलों की ओर ध्यान केंद्रित किया है। यानी कि अब सेना की मारक क्षमता ‘प्रलय’ बैलिस्टिक मिसाइल बढ़ाएगी। रक्षा मंत्रालय ने मिसाइल खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

यह फैसला चीन-पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव के बीच लिया गया है। बताया जा रहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और नियंत्रण रेखा (LOC) पर ‘प्रलय’ की तैनाती रहेगी। इससे साफ है कि अब अगर चीन और पाकिस्तान ने भारत की ओर आंख उठाकर देखा तो उन्हें मुंह के बल गिरना होगा।

प्रलय, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के साथ, भारत की योजनाबद्ध रॉकेट फोर्स का आधार बनेगी। चीन और पाकिस्तान दोनों ने पहले से ही सामरिक उद्देश्यों के लिए बैलिस्टिक मिसाइलों को तैनात किया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित ‘प्रलय’ मिसाइलें, सैन्य आवश्यकताओं के अनुसार सीमा में और वृद्धि के लिए तैयार हैं।

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