आपको बता दें कि जेल में बंद सुपरटेक कंपनी के मालिक आरके अरोड़ा की सोमवार को पटियाला हाऊस कोर्ट में पेश किया गया था। यह पेशी अपर सत्र न्यायधीश देवेंद्र कुमार जांगला के सामने थी। न्यायधीश ने आरके अरोड़ा की न्यायिक हिरासत यानि जेल की अवधि 7 अगस्त तक के लिए बढ़ाने का फैसला सुनाया। इस बीच आरके अरोड़ा के वकीलों ने प्रार्थना पत्र दिया कि उन्हें ईडी द्वारा गिरफ्तारी का जो आधार बनाया गया है उसकी एक प्रति दी जाए। इस पर सरकारी वकील ने तर्क दिया कि प्रति देने का कोई कानूनी नियम नहीं है। इस बहस को आगे बढ़ता देख न्यायधीश देवेंद्र कुमार जांगला ने इस मुद्दे या बहस के लिए ​7 अगस्त की तारीख निर्धारित कर दी। इस प्रकार यह तय हो गया कि 7 अगस्त तक तो आरके अरोड़ा को निश्चित रुप से जेल में रहना ही पड़ेगा।

कानून के अधिकतर जानकारों का कहना है कि सुपरटेक बिल्डर के जालसाज मालिक आरके अरोड़ा को लंबे समय तक जेल में ही रहना पड़ेगा। ईडी के मैटर के अलावा उसके विरुद्ध अलग अलग थानों में दर्जनों मामले दर्ज हैं। ये सभी ठगी व धोखाधड़ी की धाराओं में दर्ज हुए हैं। अब इन मामलों के वारंट भी सीधे जेल में ही पहुंचने शुरू हो जाएंगे। जब तक लंबित मामलों में जमानत नहीं हो जाती, तब तक आरके अरोड़ा जेल से बाहर ही नहीं सकता है। यह अलग बात है कि सुपरटेक बिल्डर कंपनी की तरफ से बड़े बड़े वकील उसे जल्दी से जल्दी जेल से बाहर लाने का प्रयास कर रहे हैं।

आपको बता दें कि सुपरेटक बिल्डर के मालिक आरके अरोड़ा का चरित्र शुरू से ही संदिग्ध रहा है। सरकारी अफसरों, राजनेताओं व कुछ व्यापारियों का गठजोड़ बनाकर उसने सरकारी जमीनों को कौड़ियों के भाव खरीदकर उसी जमीन से मोटा मुनाफा कमाया है। उसी मुनाफे से आरके अरोड़ा ने नोएडा से लेकर विदेशों तक में अपनी ”एशगाह” बना रखी है। देशभर के कई हजार घर खरीदारों केा आरके अरोड़ा व उसकी कंपनी ने ठगा है। ठगी का शिकार हुए घर खरीदार अब एकजुट हो रहे हैं। सुपरटेक बिल्डर के मालिक आरके अरोड़ा का पूरा कच्चा चिट्ठा आप यहां नीचे दिए गए लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं। चेतना मंच ने विस्तार से प्रकाशित किया है।

 

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