उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी साल फरवरी में इनवेस्टर समिट का आयोजन किया था जिसके बाद अब आला अफसर ग्राउंडब्रेकिंग सेरेमनी (GBC) की तैयारी में जुट गए हैं। 10 प्रमुख औद्योगिक घरानों ने यूपी के साथ समझौता किया है। ये सभी औद्योगिक घरानों की तरफ से 1.11 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की संभावना है।
गौरतलब है कि यूपी सरकार को यूपी जीआईएस-2023 के दौरान कुल 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले थे। जीबीसी के पहले चरण में 13 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावों को जमीन पर लागू करने की तैयारी की जा रही है। इसमें टाटा, हीरानंदानी, टस्को और ग्रीनको समेत अन्य औद्योगिक दिग्गजों के 1.1 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव शामिल हैं।
शीर्ष औद्योगिक घरानों ने राज्य के भीतर डेटा सेंटर, खुदरा बाजार, कौशल विकास और ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश करने की इच्छा व्यक्त की है। पहले चरण में, एनआईडीपी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (हीरानंदानी ग्रुप) द्वारा गौतम बुद्ध नगर में स्थापित किए जाने वाले डेटा सेंटर पार्क से संबंधित परियोजनाओं को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। कंपनी ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में पार्क की स्थापना के लिए 30,000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है।
इसी तरह, एनटीपीसी लिमिटेड द्वारा झाँसी और सोनभद्र में दो बिजली संयंत्र स्थापित करने के लिए 27,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाना है। यूपी राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड बोर्ड ने ओबरा, सोनभद्र में सुपर थर्मल पावर प्लांट की स्थापना को पहले ही मंजूरी दे दी है।
इसके अलावा सोनभद्र में ग्रीनको द्वारा 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना स्थापित करने की तैयारी है। ऑफ-स्ट्रीम क्लोज लूप पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। इसी तरह, नोएडा में डेटा सेंटर की स्थापना के साथ सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और इलेक्ट्रॉनिक्स पर ध्यान केंद्रित करते हुए सिफी इनफिनिट स्पेस लिमिटेड द्वारा 8,000 करोड़ रुपये की परियोजना को जमीन पर लाया जा रहा है। यह प्रोजेक्ट फिलहाल निर्माणाधीन है।
इसके अतिरिक्त, बुन्देलखण्ड सौर ऊर्जा लिमिटेड जालौन में 6,000 करोड़ रुपये की एक परियोजना शुरू कर रही है। इसे भारत सरकार की एमएनआरई नेशनल सोलर पार्क योजना के तहत मंजूरी भी मिल गई है।