अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी भारत और एशिया के सबसे अमीर शख्स बन गए हैं। बीते लंबे समय से मुकेश अंबानी भारत की सबसे अमीर रईस बने हुए थे, लेकिन अब यह ताज अडानी ने अपने नाम कर लिया है। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट से हुई क्षति की भरपाई करते हुए गौतम अडानी की नेटवर्थ पिछले साल 95 फीसदी बढ़कर 11.6 लाख करोड़ रुपए हो गई।गुरुवार को हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2024 में यह जानकारी दी गई है।
2024 हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अंबानी की कुल नेटवर्थ 25 प्रतिशत बढ़कर 10.14 लाख करोड़ रुपए हो गई। 2023 की रिपोर्ट में अडानी की संपत्ति 57 प्रतिशत घटकर 4.74 लाख करोड़ रुपए रह गई और अंबानी 8.08 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ काफी आगे हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए विभिन्न आरोपों के बाद अडानी की नेटवर्थ में भारी गिरावट आई है। समूह ने सभी आरोपों से इनकार किया है। 2014 के संस्करण में हुरुन ने अडानी की संपत्ति 44,000 करोड़ रुपए आंकी थी, जिससे वह उस समय दसवें सबसे अमीर भारतीय बन गये थे।
ज़ोहो की राधा वेम्बू 47,500 करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ स्व-निर्मित महिलाओं में सबसे धनी हैं, जबकि ज़ेप्टो के सह-संस्थापक कैवल्या वोहरा और आदित पालिचा, जो 20 के दशक की शुरुआत में हैं, क्रमशः 3,600 करोड़ रुपए और 4,300 करोड़ रुपए की नेटवर्थ के साथ सूची में सबसे युवा हैं। इस सूची में 1,000 करोड़ रुपए से अधिक की निवल संपत्ति वाले भारतीयों को शामिल किया गया है। वर्ष 2024 में इसमें 220 लोगों की वृद्धि हुई है और यह संख्या 1,539 हो गई है। इस वर्ष कुल संपत्ति में 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अभिनेता शाहरुख खान ने 7,300 करोड़ रुपए की अनुमानित संपत्ति के साथ सूची में अपनी शुरुआत की, जो कि उनकी व्यावसायिक साझेदार जूही चावला से काफी अधिक है, जिनकी नेटवर्थ 4,600 करोड़ रुपए है और वे मनोरंजनकर्ताओं में दूसरे स्थान पर रहीं।
दिलचस्प बात यह है कि 16 पेशेवर भी इस सूची में शामिल हैं, जिनमें अरिस्ता नेटवर्क्स की मुख्य कार्यकारी जयश्री उल्लाल 32,100 करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ सबसे धनी हैं, जबकि डी-मार्ट के मुख्य कार्यकारी इग्नेशियस नविल नोरोन्हा 6,900 करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं। सूची में कहा गया है कि गेरा डेवलपमेंट्स के कुमार प्रीतमदास गेरा की संपत्ति 2024 की सूची में सबसे तेजी से 566 प्रतिशत बढ़ी, जबकि अंबानी और अडानी में सबसे बड़ी वृद्धि हुई।