भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गोल्ड लोन से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है जिससे अब आम लोगों के लिए सोने पर कर्ज लेना और भी आसान और पारदर्शी हो जाएगा। पिछले हफ्ते घोषित इन 8 नए नियमों का मकसद ग्राहकों को सुगम तरीके से लोन उपलब्ध कराना और बैंकों व गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के कामकाज में अधिक पारदर्शिता लाना है। ये संशोधित नियम 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होंगे और सभी वाणिज्यिक बैंकों, NBFCs, सहकारी बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों पर लागू होंगे।

गोल्ड लोन में क्या-क्या बदल रहा है?

नए नियमों से गोल्ड लोन की प्रक्रिया में कागजी कार्रवाई कम होगी और अगर आप समय पर लोन चुका देते हैं तो आपका गिरवी रखा सोना भी जल्दी वापस मिलेगा। आइए जानते हैं इन 8 प्रमुख बदलावों के बारे में:

  1. LTV रेश्यो में बढ़ोतरी: RBI ने 2.50 लाख रुपये से कम के गोल्ड लोन के लिए लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेश्यो को 75% से बढ़ाकर 85% कर दिया है। इसका मतलब है कि अब ग्राहक अपने सोने की कीमत का 85% तक लोन ले सकते हैं।
  2. क्रेडिट चेक की अनिवार्यता खत्म: 25 लाख रुपये तक के गोल्ड लोन के लिए अब आय प्रमाण (इनकम प्रूफ) और क्रेडिट स्कोर चेक करने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे कम आय वाले लोगों को भी आसानी से लोन मिल सकेगा।
  3. बुलेट रीपेमेंट की समय-सीमा: जो ग्राहक बुलेट रीपेमेंट लोन (जिसमें मूलधन और ब्याज एक साथ अंत में चुकाया जाता है) लेते हैं उनके लिए इसे चुकाने की अधिकतम समय-सीमा 12 महीने तय की गई है।
  4. सोना-चांदी गिरवी रखने की अधिकतम सीमा: प्रति ग्राहक सभी ब्रांचों को मिलाकर गिरवी रखे जा सकने वाले सोने-चांदी की अधिकतम सीमा तय की गई है:
    • सोने के गहने: 1 किलो
    • सोने के सिक्के: 50 ग्राम
    • चांदी के गहने: 10 किलो
    • चांदी के सिक्के: 500 ग्राम
  5. मुआवजे का प्रावधान: लोन बंद होने के बाद बैंक या NBFC को गिरवी रखा गया सोना या चांदी उसी दिन या अधिकतम 7 वर्किंग डेज में लौटाना अनिवार्य होगा। अगर इसमें देरी होती है तो बैंक को ग्राहक को प्रतिदिन 5,000 रुपये का मुआवजा देना होगा।
  6. चोरी या क्षति होने पर मुआवजा: अगर गिरवी रखा गया सोना या चांदी बैंक की गलती से गुम हो जाता है या खराब हो जाता है तो ग्राहक को पूरा मुआवजा दिया जाएगा।
  7. नीलामी के नियम सख्त: यदि ग्राहक लोन चुकाने में असमर्थ रहता है और बैंक सोने की नीलामी करता है तो नीलामी से पहले ग्राहक को अनिवार्य रूप से नोटिस देना होगा। नीलामी का रिजर्व प्राइस मार्केट प्राइस के 90% से कम नहीं होगा। नीलामी के बाद बची हुई राशि बैंक को ग्राहक को 7 दिन के भीतर लौटानी होगी।
  8. सरल भाषा में जानकारी: लोन की शर्तें और सोने के मूल्यांकन (वैल्यूएशन) की जानकारी ग्राहक की स्थानीय भाषा में दी जाएगी। यदि ग्राहक पढ़ना-लिखना नहीं जानता है तो एक गवाह की उपस्थिति में उसे पूरी जानकारी दी जाएगी।

इन पर नहीं मिलेगा गोल्ड लोन

RBI की नई संशोधित गाइडलाइंस में यह भी साफ कर दिया गया है कि ग्राहकों को गोल्ड बुलियन गोल्ड बार, गोल्ड म्यूचुअल फंड होल्डिंग और गोल्ड-सिल्वर ईटीएफ (ETF) पर लोन नहीं मिलेगा। ग्राहकों को केवल सोने के गहने और सिक्कों पर ही लोन मिल सकेगा।

ये नए नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे। इससे पहले लिए गए गोल्ड लोन पर पुराने नियम ही मान्य रहेंगे। यह बदलाव गोल्ड लोन बाजार में पारदर्शिता और उपभोक्ता संरक्षण को बढ़ावा देगा।

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