गीताप्रेस के ट्रस्टी बैजनाथ अग्रवाल का 90 साल की उम्र में निधन हो गया है। शुक्रवार की रात लगभग 2:30 बजे उन्होंने गोरखपुर के हरिओम नगर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उनके निधन की जानकारी होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गहरा शोक व्यक्त किया है। वहीं, सीएम ने शोकाकुल परिजनों से बात कर उन्हें ढांढस बंधाते हुए हुतात्मा की सद्गति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गीता प्रेस, गोरखपुर के ट्रस्टी बैजनाथ अग्रवाल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि विगत 40 वर्षों से गीता प्रेस के ट्रस्टी के रूप में बैजनाथ जी का जीवन सामाजिक जागरूकता और मानव कल्याण के लिए समर्पित रहा। वह ईश्वर के अनन्य भक्त थे। बैजनाथ जी के निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है।

गीता प्रेस गोरखपुर के ट्रस्टी बैजनाथ अग्रवाल गीता प्रेस से साल 1950 से जुड़े थे। उनके साथ-साथ उनका पूरा परिवार गीता प्रेस से जुड़ा हुआ है। उनका निधन 27-28 अक्टूबर की रात हुआ। जानकारी के मुताबिक, उन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। गौरतलब है कि हाल ही में गीता प्रेस गोरखपुर ने अपना शताब्दी वर्ष मनाया था। भारत सरकार ने गीता प्रेस गोरखपुर का चयन साल 2021 के गांधी शांति पुरस्कार के लिए किया था। हालांकि, गीता प्रेस ट्रस्ट ने सम्मान तो स्वीकार कर लिया, लेकिन पुरस्कार के रूप में मिलने वाली एक करोड़ रुपये की राशि लेने से इंकार कर दिया था। गीता प्रेस, गोरखपुर में लगभग 15 भाषाओं में श्रीमद् भागवत गीता का प्रकाशन किया जाता है। इनमें हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगू, संस्कृत और कई अन्य भाषाएं शामिल हैं।यहां छपने वाली धार्मिक पुस्तकों को गीता प्रेस के बाहर अलग से बेचने के लिए संस्था ने सेल डिपो बनाई है। यहां गीता प्रेस में छपने वाली सभी धार्मिक पुस्तकें कम दाम में मिल जाएंगी।

 

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