गाज़ियाबाद में इंटरनेशनल एग्रो फूड कंपनी की डासना स्थित मांस निर्यात फैक्टरी पर छापा मारकर 55 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है। फैक्टरी में 300-400 रुपए की दिहाड़ी पर बच्चों से पशु मांस की कटाई कराई जा रही थी। सभी नाबालिगों को बंगाल और बिहार से लाया गया था।
छापे में श्रम विभाग, बाल कल्याण विभाग और पुलिस की टीम शामिल थी। पुलिस ने फैक्टरी के चार निदेशकों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मुक्त कराए बाल श्रमिकों में 31 किशोरियां और 24 किशोर हैं। ये छह महीने से तीन साल तक से यहां काम कर रहे थे। सभी को ठेकेदार के माध्यम से लाया गया था। काम के दौरान किसी को भी फैक्ट्री से बाहर नहीं जाने दिया जाता था।
श्रम अधिकारी डॉ. रूपाली ने बताया, “ज्यादातर नाबालिगों के मां-बाप फैक्टरी में काम करते हैं और आसपास ही रहते हैं। फैक्टरी में पशुओं की कटाई के बाद मांस को फ्रीज कर पैक किया जाता है। विभिन्न देशों को इसका निर्यात किया जाता है। 31 जुलाई, 2023 को इसी कंपनी पर आयकर का छापा भी पड़ा था।”
एडीसीपी सचिदानंद ने बताया, “किशोर-किशोरियों का मेडिकल परीक्षण कराया गया है। सभी को शेल्टर होम में रखा गया है। श्रम विभाग की तहरीर पर फैक्टरी के चार निदेशकों हापुड़ के बुलंदशहर रोड निवासी यासीन कुरैशी, पत्नी तसलीम कुरैशी, बेटे जावेद कुरैशी और गुलशन कुरैशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपियों पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और बाल श्रम कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।”

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