जयपुर, सोमवार को, IIT बाबा का नाम फिर से सुर्खियों में आ गया जब उन्हें होटल में हंगामे के कारण पुलिस ने हिरासत में लिया। पुलिस ने होटल में छापेमारी की और बाबा के पास से गांजा भी बरामद किया। बाबा के पास से गांजा की मात्रा कम थी, लेकिन फिर भी NDPS एक्ट (नार्कोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया गया। 

हिरासत से बाहर आते समय IIT बाबा ने क्या कहा?
IIT बाबा को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने के बाद जब उन्हें जमानत मिली, तो वे थाने से बाहर आए और मीडिया से मजाकिया अंदाज में बातचीत की। उन्होंने सबसे पहले यह कहा, “आज तो मेरा हैप्पी बर्थडे है, पहले मुझे हैप्पी बर्थडे तो बोल दो।” इसके बाद जब उनसे सवाल किया गया कि पुलिस क्यों आई थी, तो बाबा ने जवाब दिया कि उन्हें नहीं पता था, लेकिन शायद किसी ने यह अफवाह फैलाई थी कि बाबा आत्महत्या कर रहे हैं। बाबा ने मजाक करते हुए कहा कि पुलिस का आना बिल्कुल अजीब था, क्योंकि उन्होंने किसी ऐसे मामले का हवाला दिया, जो असल में हुआ ही नहीं था।

गांजे को लेकर IIT बाबा का तर्क
जब पुलिस द्वारा उनके पास से बरामद गांजे के बारे में सवाल पूछा गया, तो बाबा ने उसे प्रसाद बताते हुए कहा, “यह तो कुंभ मेले में लोग पीते हैं, क्या तुम सबको गिरफ्तार करोगे?” उन्होंने दावा किया कि भारत में गांजा एक सामान्य चीज है और यह अब कोई नई बात नहीं रही। बाबा के अनुसार, अगर किसी के पास थोड़ी सी गांजा की मात्रा होती है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह अपराधी है। उनका कहना था कि कुंभ मेले में हर साल लाखों लोग आते हैं और वहां गांजे का सेवन आम बात है, फिर क्या पुलिस सभी को गिरफ्तार करेगी? उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल भारत में ही समझा जा सकता है, क्योंकि यहाँ पर इसे एक प्रचलित चीज माना जाता है। 

NDPS एक्ट के तहत खिलाफ मामला दर्ज
IIT बाबा के पास से जब गांजा बरामद हुआ, तो इसकी मात्रा बहुत कम थी। इसके बावजूद पुलिस ने NDPS एक्ट के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया। गांजे के छोटे पैमाने पर मिलने के कारण बाबा को जमानत मिल गई, और वे बेल बॉन्ड भरने के बाद रिहा हो गए। हालांकि, इस घटना के बाद भी उनके खिलाफ केस चल रहा है। 

NDPS एक्ट के तहत सजा 
भारत में नशीले पदार्थों पर नियंत्रण के लिए 1985 में NDPS एक्ट (नार्कोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट) लागू किया गया था। इस एक्ट के तहत ड्रग्स, नशीले पदार्थों और कैनेबिस (गांजा) का उत्पादन, बिक्री, खरीद, परिवहन, और उपयोग नियंत्रित किया जाता है। 

NDPS एक्ट की धारा 20 में गांजे से संबंधित अपराधों की सजा का प्रावधान है, जो गांजे की मात्रा पर निर्भर करती है। 

– छोटी मात्रा (1 किलो तक): इस श्रेणी में गांजा होने पर दोषी को 1 साल तक की जेल हो सकती है या 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है, या दोनों।
  
– 1 किलो से 20 किलो तक: इस श्रेणी में गांजा होने पर दोषी को 10 साल तक की सजा और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
  
– 20 किलो या उससे अधिक (कमर्शियल मात्रा): इस श्रेणी में दोषी को 10 से 20 साल तक की सजा और 1 लाख से 2 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

जमानत प्राप्त करना अधिक कठिन 
जैसा कि इस मामले में IIT बाबा के पास गांजा की छोटी मात्रा थी, इसलिए उन्हें जमानत मिल गई। लेकिन अगर किसी के पास गांजा की बड़ी या कमर्शियल मात्रा हो, तो जमानत प्राप्त करना अधिक कठिन हो जाता है। इस मामले में NDPS एक्ट की धारा 37 के तहत जमानत देने के लिए कठिन शर्तें होती हैं, खासकर अगर आरोपी के पास बड़ी मात्रा में नशीला पदार्थ पाया जाए। IIT बाबा के मामले में, चूंकि उन्होंने गांजे की कम मात्रा रखी थी, और वह अपने बयान में इसे एक सामान्य घटना के रूप में प्रस्तुत कर रहे थे, इसलिए उनके लिए जमानत मिलना संभव हुआ। IIT बाबा का मामला एक दिलचस्प उदाहरण है कि किस तरह से नशीले पदार्थों से संबंधित कानूनी प्रावधान भारत में लागू होते हैं। हालांकि बाबा ने अपनी हिरासत को हल्के में लिया और इसे मजाक में बदल दिया, लेकिन कानूनी दृष्टिकोण से यह मामला गंभीर है, क्योंकि NDPS एक्ट के तहत गांजा रखने या सेवन करने की सजा निश्चित है। 

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