उत्तर भारत में गर्मी और लू की वजह से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। उत्तर प्रदेश और बिहार में कई लोगों की गर्मी और लू की वजह से मौत हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक हफ्ते में तकरीबन 100 लोगों की गर्मी और लू की वजह से मौत हो गई है।
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंसुख मांडविया ने देशभर में चल रही लू की समीक्षा करने जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार मंसुख मांडविया देश में लू को लेकर स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षआ के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
उत्तर प्रदेश के जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बिलया में पिछले तीन दिनों में 54 लोगों की जान जाने की जानकारी दी है। यहां पारा 43-44 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। वहीं बिहार में गर्मी की वजह से 42 लोगों के मारे जाने की खबर है।
उत्तर प्रदेश प्रशासन का कहना है कि इस बात के पुख्ता साक्ष्य नहीं हैं कि यह मौतें लू लगने की वजह से हुई है। इसकी जांच के लिए पैनल का गठन किया गया है। मेडिकल ऑफिसर को पद से हटा दिया गया है।
भारत में लगातार बढ़ते पारा और लू की वजह से हालात काफी बदतर हो गए हैं। नेशनल क्राइम ब्यूरो के अनुसार 2020 में लू लगने से 530 लोगों की मौत हुई थी। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी का कहना है कि लू लगने से सिर्फ 4 लोगों की मौत हुई है। ऐसे में आधिकारिक आंकड़ों को लेकर हमेशा से सवाल खड़े होते रहे हैं।
क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 2021 में लू लगने से 374 लोगों की मौत हुई थी। क्लाइमेट में बदलाव की वजह से तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। देश के कई हिस्सों में इसकी वजह से लू चल रही है।
जिस तरह से पर्यावरण में पिछले कुछ सालों में बदलाव हुआ है उसकी वजह से अख्सर बाढ़, चक्रवात आदि की समस्याएं सामने आ रही हैं। ऐसे हालात में खाद्य सामग्री का वितरण भी बाधित होता है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में गर्मी का प्रकोप बना रहेगा।