खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए चार भारतीय नागरिक बुधवार को ब्रिटिश कोलंबिया की अदालत में पेश हुए। इन चार लोगों में से तीन का संबंध ब्रिटिश कोलंबिया से और एक का ओंटारियो से है। ये चार आरोप 22 वर्षीय करण बरार, 22 वर्षीय कमलप्रीत सिंह, 28 वर्षीय करणप्रीत सिंह और 22 वर्षीय अमनदीप सिंह को वर्चुअली अदालत में पेश किया गया।

मुकदमे में अब तक बहुत कम प्रगति हुई है क्योंकि अभियोजन पक्ष (क्राउन) और चारों आरोपियों के वकील मामले से संबंधित दस्तावेजों की अदला-बदली में व्यस्त हैं। मामले की सुनवाई को 1 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। क्राउन प्रोसेक्यूटर लुईस केनवर्थी ने बताया कि बचाव पक्ष को लगभग 10,000 पृष्ठों के दस्तावेज मिल चुके हैं और एक सप्ताह में और दस्तावेज मिल सकते हैं।

पूरे प्रक्रिया में कई महीने लग सकते हैं। अमनदीप सिंह ने पहली बार 15 मई को अदालत में पेशी दी, जबकि अन्य तीन 7 मई को जज के सामने आए। चारों की पहली संयुक्त सुनवाई 21 मई को हुई थी। इन पर प्रथम श्रेणी की हत्या और हत्या की साजिश के आरोप हैं। अमनदीप सिंह की गिरफ्तारी पहले से ही पील क्षेत्रीय पुलिस (PRP) की हिरासत में हुई थी। उसे नवंबर 2023 में कुछ अन्य आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया था, जिसमें एक फायरमैन का अनधिकृत कब्जा और नियंत्रित पदार्थ के कब्जे के आरोप शामिल हैं। अन्य तीन आरोपियों को 3 मई को एडमॉन्टन और उसके आसपास से गिरफ्तार कर बीसी लाया गया।

कनाडाई जांचकर्ताओं ने अभी तक हत्या के मामले में भारतीय सरकार के किसी भी संभावित संबंध की पुष्टि नहीं की है। 3 मई को सहायक आयुक्त डेविड टेबुल ने बताया कि वे भारत सरकार से किसी संबंध की पुष्टि नहीं कर पाए हैं। भारत और कनाडा के संबंधों में खटास तब आई जब 18 जून को सरे में निज्जर की हत्या के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों और हत्या के बीच संभावित संबंध के “विश्वसनीय आरोप” लगाए। भारत ने इन आरोपों को “बेतुका” और “प्रेरित” करार दिया है।

 

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