उत्तर प्रदेश के नोएडा और नोएडा से सटे शहर गाजियाबाद में कोरोना के एक एक नए केस मिलने के बाद एक बार फिर सेहत को खतरा पैदा हो गया है। नोएडा में कोरोना का पॉजीटिव केस मिलने के बाद नोएडा का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। कुछ समय बाद क्रिसमस और न्यू ईयर का जश्न मनाया जाना है। ऐसे में नोएडा के हेल्थ डिपार्टमेंट ने इन दोनों पर्वों को मनाए जाने के लिए एडवायजरी जारी की है। हेल्थ डिपार्टमेंट ने एक बार फिर से कहा कि है कि ”दो कदम की दूरी और मास्क है जरुरी”
नोएडा (गौतमबुद्धनगर) के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवायजरी के अनुसार, नोएडा में मिला कोरोना का नया वेरियंट खतरनाक नहीं है, लेकिन इससे बचने की बेहद ही आवश्यकता है। कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने तथा इससे बचने के लिए पहले की भांति ही कोविड प्रोटोकाल के नियमों का पालन किया जाना चाहिए। क्रिसमस और न्यू ईयर का जश्न मनाते वक्त सावधानी बरतना जरुरी है। भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक जगहों पर सामाजिक दूरी, मास्क का उपयोग जैसे कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करने का सुझाव दिया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील कुमार शर्मा के अनुसार, कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन, बचाव के लिए जरूरी सावधानी भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर खांसी-जुकाम होने पर लोग स्वयं केमिस्ट से दवा ले लेते हैं। जो सही नहीं है। खांसी-जुकाम अथवा फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लेकर ही दवा लेने का सुझाव दिया है। उन्होंने बताया कि नोएडा के जिला अस्पताल समेत जिले के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कोविड की जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा के सभी स्वास्थ्य केंद्रों को फ्लू अथवा कोविड के लक्षण नजर आने पर तुरंत जांच कराने का आदेश दिए जा चुके हैं।
लोगों ने क्रिसमस और न्यू ईयर का जश्न मनाने के लिए अपना प्लान बनाना शुरू कर दिया है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में नववर्ष पर शॉपिंग मॉल, होटल से लेकर फार्म हाउस नववर्ष की पार्टियोें के लिए बुक हो चुके हैं। एक अनुमान के मुताबिक नए वर्ष पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 10 हजार से अधिक आयोजन होंगे। इनमें भीड़ भी जुटने की संभावना है। इससे कोरोना का प्रसार तेजी से होने की आशंका स्वास्थ्य महकमा को है। अहम है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में होने वाली पार्टियों में एनसीआर समेत अन्य राज्यों से बड़ी तादाद में युवा शामिल होते हैं।
सीएमओ का कहना है कि वेरिएंट का पता लगाने के लिए नमूने उच्च तकनीकी लैब दिल्ली और केजीएमयू लखनऊ भेजे जाएंगे। जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट 10 दिन में आती है। नोएडा के सेक्टर-36 में मिले कोरोना संक्रमित का जांच नमूना भी जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में तैयारी शुरू कर दी गई है। अस्पताल में 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। जरूरत पड़ी तो वार्ड और बेड बढ़ा दिए जाएंगे। इसके साथ ही अस्पताल में आनेवाले सामान्य मरीजों की जांच को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। संस्थान प्रशासन के मुताबिक यहां पर अन्य बीमारियों के उपचार के लिए आने वाले मरीजों की पहले एंटीजन जांच कराई जा रही है।