तमिलनाडु सरकार ने राज्य में कॉटन कैंडी की ब्रिकी और उत्पादन पर रोक लगा दी है। इस बारे में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी है। उन्होंने बताया सरकार ने फूड एनालिसिस में कॉटन कैंडी में कैंसर पैदा करने वाले केमिकल की पुष्टि के बाद बिक्री और उत्पादन पर बैन लगा दिया है।

तमिलनाडु सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम ने कॉटन कैंडी पर बैन लगाने की जानकारी देते हुए कहा, कॉटन कैंडी के नमूने खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा टेस्टिंग के लिए भेजे गए थे, जिसमें कैंसर पैदा करने वाले रोडामाइन-बी केमिकल मिलने की पुष्टि हुई है। इसके बाद राज्य में कॉटन कैंडी की ब्रिकी और उत्पादन पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने अपने बयान में कहा, खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम, 2006 के मुताबिक शादी समारोहों, अन्या सार्वजनिक कार्यक्रमों में रोडामाइन-बी मिले खाद्य पदार्थ तैयार करना, पैकेजिंग करना, आयात करना, बेचना या परोसना एक दंडनीय अपराध है। साथ ही खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को मामले की समीक्षा करने और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

तमिलनाडु से पहले उसके पड़ोसी केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी ने कॉटन कैंडी पर बैन लगा दिया था। पुडुचेरी ने कॉटन कैंडी में रोडामाइन-बी की मौजूदगी पाए जाने के बाद 9 फरवरी को राज्य में इसकी ब्रिकी पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही उपराज्यपाल तमिलिसाई साउंडराजन ने अधिकारियों को राज्य में कॉटन कैंडी बेचने वाले दुकानदारों की जांच करने और उनके स्टॉक को जब्त करने का निर्देश दिया है।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी पी. सतीश कुमार ने कहा कि रोडोमाइन-बी नियमित रूप से या बड़ी मात्रा में सेवन करने से एलर्जी, न्यूरोटॉक्सिसिटी, अंग विकास और कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

शेफ और खाद्य विशेषज्ञ राकेश रघुनाथ बताते हैं कि शुरू में कैंडी निर्माताओं ने पौधों के रंगों जैसे क्लोरोफिल (हरा), कैरोटीनॉयड (पीला, नारंगी या लाल) और एंथोसायनिन (नीला) का प्रयोग करते थे लेकिन अब इसे ज्यादा आकर्षक और लंबे समय तक रखने के लिए इसमें सिंथेटिक खाद्य रंगों का प्रयोग होने लगा है।

 

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