दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के बरेली के अंकित गोयल (33) को जमानत दे दी, जिस पर राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो स्टेशनों और ट्रेन के डिब्बों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारा लिखने का आरोप है। गोयल को बुधवार को दोपहर बाद मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जमानत मिल गई।

अदालत के सूत्रों ने पुष्टि की कि जमानत इसलिए दी गई क्योंकि उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत दायर मामला जमानती था।
अंकित इंजीनियरिंग स्‍नातक है और पिछले कुछ वर्षों से बरेली में एक राष्ट्रीयकृत बैंक में क्रेडिट मैनेजर के रूप में काम कर रहा है। पहले उन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न सॉफ्टवेयर कंपनियों में इलेक्ट्रॉनिक और सॉफ्टवेयर विशेषज्ञ के रूप में काम किया। मेट्रो स्टेशनों और कोचों के अंदर मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ धमकी वाला नारा लिखते पाए जाने के बाद सोमवार को दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी।
पुलिस उपायुक्त (मेट्रो) जी. राम गोपाल नाइक ने कहा, “जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी की पहचान और घटनाओं की श्रृंखला स्थापित करने और उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए संबंधित मेट्रो स्टेशनों पर सभी प्रासंगिक सीसीटीवी फुटेज की जांच की।”
जांच से यह भी पता चला कि आरोपी बाराखंभा मेट्रो स्टेशन से ट्रेन में चढ़ा और विभिन्न स्थानों पर मेट्रो की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। फुटेज में देखा गया कि आरोपी ने मेट्रो की संपत्तियों पर तोड़फोड़ करते हुए लिखे नारों के वीडियो भी बनाए और बाद में उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। पूछताछ में अंकित ने बताया कि वह 13 मई को किसी निजी काम से दिल्ली आया था और दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न होटलों में रुका था।

डीसीपी ने कहा, “अंकित ने दावा किया कि उसका ओसीडी (जुनूनी बाध्यकारी विकार) का इलाज चल रहा है। उसने यह भी कबूल किया कि 19 मई को उसने अपनी मर्जी से विभिन्न मेट्रो परिसरों/ट्रेनों में नारे लिखे।”

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