दिल्ली अध्यादेश मामले में समर्थन जुटा रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चलते कांग्रेस में बवाल खड़ा होता नजर आ रहा है। ताजा मामला पंजाब से हैं, जहां कांग्रेस नेता केजरीवाल को समर्थन नहीं देने के मांग कर रहे हैं। असंतोष को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने अहम बैठक बुलाई है। इसके अलावा कांग्रेस नेतृत्व राजस्थान कांग्रेस में भी जारी उथल पुथल पर सोमवार को बड़ा फैसला ले सकता है।

दरअसल, पंजाब इकाई ने कोई भी फैसला लेने से पहले शीर्ष नेतृत्व को राज्य के नेताओं से बात करने की अपील की थी। खबर है कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी यानी AICC के महासचिव केसी वेणुगोपाल को पंजाब कांग्रेस से इस मुद्दे पर रिपोर्ट मिली थी। इसके चलते प्रदेश अध्यक्ष राजा अमरिंदर सिंह वडिंग, प्रताप सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के दिल्ली तलब किया गया है।

खास बात है कि अजय माकन और संदीप दीक्षित जैसे कांग्रेस के बड़े नेता भी केजरीवाल का समर्थन करने के विचार पर सवाल उठा चुके हैं।

ये नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे। संभावनाएं हैं कि राहुल गांधी भी बैठक का हिस्सा हो सकते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है, ‘आप ने पार्टी को जमकर निशाना बनाया है। ये राज्य में पार्टी को खत्म करना चाहते हैं। इसलिए मजबूत जनाधार वाले नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। पार्टी आलाकमान को अरविंद केजरीवाल से मिलने का समय नहीं देना चाहिए। यह पंजाब की राजनीति के लिए ठीक नहीं है।’

बाजवा भी कह चुके हैं कि आप के साथ एकता दिखाना ठीक नहीं है, क्योंकि केजरीवाल की पार्टी ने कांग्रेस विधायकों के खिलाफ पंजाब में अभियान छेड़ रखा है। कांग्रेस हाईकमान से अपील की गई है कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, गुजरात और कर्नाटक इकाइयों से बात करने के बाद ही केजरीवाल का समर्थन करने पर फैसला लिया जाए।

केजरीवाल ने शुक्रवार को ही खड़गे और राहुल से समर्थन की मांग की है। हालांकि, कांग्रेस भी आप प्रमुख के साथ सख्ती बरतने के मूड में है। पार्टी नेताओं ने साफ कर दिया है कि समर्थन की मांग से पहले आप को पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह, दिवंगत शीला दीक्षित समेत कई नेताओं से माफी की मांग की थी।

सोमवार को खड़गे दिल्ली में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से अलग-अलग मुलाकात करेंगे। दरअसल, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पायलट ने गहलोत सरकार से एक्शन लेने की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर उन्होंने प्रदेश स्तर पर आंदोलन की चेतावनी दी है। बढ़ते विवाद के बीच अटकलें लगने लगी थीं कि पायलट कांग्रेस का साथ छोड़ सकते हैं।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights