दिल्ली सरकार ने सोमवार को विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है। विधानसभा में आज एक बार फिर जोरदार हंगामा देखने को मिला। इस दौरान शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई के नोटिस पर सदन में चर्चा होने की संभावना है। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने राज्य विधानसभा का एक-दिवसीय सत्र बुलाने में ‘प्रक्रियागत खामियों’ को लेकर चिंता जताई है। इस मुद्दे को लेकर ‘आप’ सरकार और एलजी में फिर से तनातनी बढ़ गई है। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह चाहते हैं कि उपराज्यपाल संविधान का फिर से अध्ययन करें। दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र से जुड़ी हर लाइव अपडेट उपलब्ध करा रहें हैं बृजेश सिंह….

जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने केजरीवाल से रविवार को लगभग नौ घंटे तक पूछताछ की थी। सीबीआई ने शराब घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।

उपराज्यपाल कार्यालय के अधिकारियों ने रविवार को बताया कि सक्सेना ने दिल्ली सरकार को लिखे एक ‘नोट’ में कहा है कि दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने सातवीं विधानसभा के चौथे सत्र के दूसरे भाग को आहूत करने का प्रस्ताव दिया है, जबकि दिल्ली कैबिनेट ने एक-दिवसीय सत्र बुलाने की सिफारिश की है। नियमावली और अधिनियम के अनुसार, 29 मार्च, 2023 को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जा चुके विधानसभा का नया सत्र बुलाने से पहले पुराने सत्र का सत्रावसान करना होगा। उन्होंने कहा कि चूंकि सत्रावसान नहीं हुआ है, इसलिए नया सत्र नहीं बुलाया जा सकता। उपराज्यपाल ने अपने नोट में सरकार को सलाह दी है कि वह संबंधित विभाग को सातवीं विधानसभा के चौथे सत्र (बजट सत्र) को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने और ‘एक-दिवसीय सत्र” बुलाने के लिए जीएनसीटीडी अधिनियिम, 1991 की धारा-छह के प्रावधानों के तहत एक उचित प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दे। उपराज्यपाल ने इस बात का भी उल्लेख किया कि 17 अप्रैल को विधानसभा द्वारा किसी भी प्रस्तावित विधायी कार्य के संचालन का कोई संकेत नहीं था।

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