देहरादून में आईटीबीपी मुख्यालय में 62वें स्थापना दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आईटीबीपी के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
इस मौके पर देहरादून में रेजिंग डे परेड आयोजित की गई। केंद्रीय गृहमंत्री ने आईटीबीपी की रेजिंग डे परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली। इस मौके पर गैलेंट्री अवॉर्ड और राष्ट्रपति पुलिस सेवा मेडल भी प्रदान किए गए। आईटीबीपी स्थापना दिवस पर आयोजित परेड में पहली बार महिला घुड़सवारी दल देखने को मिला।
अमित शाह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज आईटीबीपी की 62वीं वार्षिक परेड की सभी को शुभकामनाएं देता हूं। भारत के प्रथम गांव और उत्तराखंड के लोगों का इस कार्यक्रम में स्वागत है।
अमित शाह ने देशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ऐसी कामना करता हूं कि भारत देश और ऊंचाई पर जाए। दीपावली पर्व पर जब आम नागरिक अपने घर में सुख-समृद्धि की कामना करते हुए दीप जलाता है तो एक दीप, सरहद पर तैनात जवानों के लिए भी जलाएं।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि आईटीबीपी ने भारत की दुर्गम सीमाओं को सुरक्षित करने का काम किया है। बलिदानियों ने इस शौर्य परंपरा को आगे बढ़ाया है। सात वाहिनियों के साथ शुरू हुआ आईटीबीपी आज 60 वाहनियों के साथ आगे बढ़ रहा है। जल्द ही आईटीबीपी की चार और बटालियन सीमा पर तैनात होंगी। सीमा सुरक्षा में कठिन से कठिन क्षेत्र आईटीबीपी के पास हैं। जहां ऑक्सीजन कम होती है, बर्फबारी होती है, माइनस 45 डिग्री तक तापमान चला जाता है। इसके बावजूद अभी तक आईटीबीपी ने तमाम पदक प्राप्त किये हैं।
अमित शाह ने कहा कि चीन सीमा पर साल 2014 से पहले 4,000 करोड़ रुपए सालाना खर्च होते थे। 2014 के बाद 12,340 करोड़ रुपए सीमा पर खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने जवानों को आश्वासन देते हुए कहा कि आप देश की सीमाओं की चिंता करिए। आपके परिवार की चिंता भारत सरकार करेगी। भारत विश्व में हर क्षेत्र में मजबूत हो, भारत हर जगह विश्व का नेतृत्व करे, इसके लिए 2047 का लक्ष्य रखा है।
आईटीबीपी के डीजी अनीश दयाल सिंह ने कहा कि आईटीबीपी की पहले 180 चौकियां थी। जिन्हें बढ़ाकर अब 195 कर लिया गया है। सीमावर्ती चौकियों पर 500 नारी शक्ति तैनात की गई हैं। अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास की सुरक्षा भी आईटीबीपी कर रही है।