कर्नाटक के रायचूर जिले के देवसुगुर गांव के पास कृष्णा नदी से भगवान विष्णु की एक प्राचीन मूर्ति और एक शिवलिंग मिला है। भगवान विष्णु की मूर्ति जिसमें सभी दस अवतारों को चित्रित किया गया है। सबसे खास बात यह है कि इस मुर्ति की छवि अयोध्या के राम मंदिर में हाल ही में प्रतिष्ठित भगवान राम की मूर्ति से मिलती जुलती है। कयास लगाए जा रहे है कि इस्लामिक आक्रमणकारियों से बचाने के लिए इन मूर्तियों को वहां दफन कर दिया होगा

ये मूर्तियां शक्तिनगर के पास कृष्णा नदी पर एक पुल के निर्माण के दौरान नदी के किनारे मिली है। काम कर रही टीम ने उन्हें सुरक्षित निकाला और तुरंत स्थानीय प्रशासन को इसकी सूचना दी। जांच करने वाले पुरातत्वविदों का कहना है कि यह मूर्तियां ग्यारहवीं या बारहवीं शताब्दी ईस्वी पूर्व की हैं।

प्रसिद्ध इतिहासकार पद्मजा देसाई के अनुसार, दस अवतारों को दर्शाने वाली आभा के साथ खड़ी विष्णु की मूर्ति 11वीं सदी के कल्याण चालुक्य वंश की मानी जाती है। इन मूर्तियों को तराशने के लिए इस्तेमाल की गई हरी मिश्रित चट्टान कल्याण चालुक्यों के समय से उनकी उत्पत्ति का संकेत देती है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इन कलाकृतियों को अंतर-धार्मिक युद्धों के दौरान विरोधियों से बचाने के लिए जानबूझकर नदी में डुबोया गया होगा।

रायचूर विश्वविद्यालय में प्राचीन इतिहास और पुरातत्व व्याख्याता डॉ. पद्मजा देसाई ने कहा कि भगवान विष्णु की मूर्ति किसी मंदिर के गर्भगृह की शोभा बढ़ाती होगी। मंदिर के संभावित विनाश के समय उसे नदी में गिरा दिया गया होगा। कृष्णा बेसिन में पाई गई मूर्ति अद्वितीय विशेषताओं को प्रदर्शित करती है। यह ‘दशावतार’ या मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिम्हा, वामन, राम, परशुराम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि सहित भगवान विष्णु के दस अवतारों को दर्शाने वाले एक चाप से घिरा हुआ है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights