त्तर प्रदेश के मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद डॉक्टर एसटी हसन ने समान नागरिक संहिता कानून , कानून उत्तराखंड में लागू  किए जाने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमे कुरान के खिलाफ कुछ भी मंजूर नहीं है। हम इस कानून का विरोध करते हैं। सपा सांसद ने कहा कि समान नागरिक संहिता कानून बीजेपी का चुनावी एजेंडा है। यह मुसलमानों को परेशान करना चाहते हैं और हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत पैदा करना चाहते हैं। हम शरीयत कानून को मानते हैं और उसी को मानेंगे। हम कुरान के हुक्म को नहीं छोड़ सकते, यह कितना ही कानून बना ले, हम अपने बच्चों को वसीयत कर देंगे, इनका कानून एक तरफ धरा का धरा ही रह जाएगा।

आपको बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को बहुप्रतीक्षित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पेश कर दिया गया। यूसीसी विधेयक के लिए बुलाये गये विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह विधेयक पेश किया। मुख्यमंत्री द्वारा विधेयक पेश किये जाने के इस दौरान सत्तापक्ष के विधायकों ने ‘‘भारत माता की जय, वंदे मातरम और जय श्रीराम” के नारे भी लगाये। प्रदेश मंत्रिमंडल ने रविवार को यूसीसी मसौदे को स्वीकार करते हुए उसे विधेयक के रूप में सदन के पटल पर रखे जाने की मंजूरी दी थी। चार खंडों में 740 पृष्ठों के इस मसौदे को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को सौंपा था । कानून बनने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है। यूसीसी के तहत प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए एक समान विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के कानून लागू होंगे चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों ।

यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है?
यूनिफॉर्म सिविल कोड या समान नागरिक संहिता में देश में सभी धर्मों, समुदायों के लिए एक समान, एक बराबर कानून बनाने की वकालत की गई है। आसान भाषा में बताया जाए तो इस कानून का मतलब है कि देश में सभी धर्मों, समुदायों के लिए कानून एक समान होगा। यह संहिता संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत आती है। इसमें कहा गया है कि राज्य पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे।

 

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