अपनी मांगों को लेकर 2 महीनों से धरना प्रदर्शन कर रहे 55 गांवों के किसान मंगलववार को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (Greater Noida Authority) के गेट पर पहुंचकर गेट पर ताला जडेंगे।

पिछले दो महीने से अपनी मांगों को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में धरना दे रहे किसानों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है।

किसान अब आर-पार की लड़ाई के मोड में आ गए हैं। 55 से ज्यादा गांव के किसानों ने एक बार फिर खोदना खुर्द में हुई बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दफ्तर पर हल्लाबोल का फैसला लिया है।

भारतीय किसान महासभा के प्रवक्ता डॉ रुपेश वर्मा ने बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और किसानों के बीच 26 जून को एक समझौता किया था।

इसमें किसानों की मांगों को लेकर 30 जून तक एक हाई पावर कमेटी बनाए जाने की बात कही गई थी। ये भी कहा गया था कमेटी 15 जुलाई तक किसानों के मुख्य मुद्दों पर फैसला करेगी।

लेकिन 5 जुलाई को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने हाईपावर कमेटी बनाने से इंकार कर दिया।

डॉ. रुपेश वर्मा के मुताबिक हज़ारों किसानों के साथ वादाख़िलाफी की गई है ऐसे में सिवाए आंदोलन के उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है।

किसान अपनी कई मांगों को लेकर यह धरना प्रदर्शन लगातार कर रहे हैं, लेकिन इनमें से इनकी मुख्य मांग है की अभी तक वंचित किसानों को तुरंत 10 प्रतिशत आबादी प्लॉट दिया जाए। साथ ही सर्किल रेट का 4 गुना मुआवज़ा, 24000 रुपये प्रति वर्ग मीटर घोषित किया जाए।

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