रामपुर।  किन्नर भले ही इसी समाज का हिस्सा  हों लेकिन उनको समाज में अलग ही नज़र से देखा जाता है। न तो उनको समाज में इज़्ज़त ही मिलती है और न ही सम्मान। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किन्नरों पर मेहरबान हुई है और तरह-तरह की योजनाएं बनाई गई हैं, जिनमें एक पोर्टल बनाया गया है जिस पर किन्नरों का रजिस्ट्रेशन हो सके और सरकार को उनकी पूरी जानकारी रहे। साथ ही सभी किन्नरों को घर बैठे सरकार की योजनाओं की जानकारी मिलती रहे।

इस विषय पर किन्नर मुन्नी देवी का कहना है कि योगी जी ने बहुत अच्छा किया है किन्नरों के लिए। अभी तक इतनी सरकार आई किसी ने ध्यान नहीं दिया। हमको समाज के अंदर सम्मान मिलना चाहिए या फिर समाज के अंदर बराबर का हक मिलना चाहिए। जैसे वोट में है, पहचान पत्र में है, आधार कार्ड में है वैसे हर चीज में मिलना चाहिए। बहुत गरीब किन्नर पड़ा है अपने को संभाल नहीं पाता है। सरकार बहुत अच्छा सोच रही है। बहुत ही अच्छी बात है। किन्नरों को जागरूक किया जा रहा है और समाज में सम्मान दिया जा रहा है। मीडिया द्वारा पूछा गया सवाल कि इससे पहले जो किन्नर समाज था उस पर कभी किसी सरकार ने ध्यान दिया है? इस पर किन्नर मुन्नी देवी ने बताया, कोई ध्यान नहीं दिया, योगी सरकार ने बस ध्यान दिया है और किसी ने ध्यान नहीं दिया।

मीडिया द्वारा पूछा गया सवाल कि अब किन्नर समाज को अब स्वास्थ्य, कॉलोनी और जो जरूरी चीजें हैं वह सरकार उपलब्ध कराएगी तो आपको लगता है कि किन्नर समाज के लिए पहले से भी कुछ होना चाहिए था? इस पर किन्नर मुन्नी देवी ने बताया कि पहले से क्यों नहीं होना चाहिए था यह भी एक इंसान हैं। यह भी एक समाज का हिस्सा हैं। दूसरों को खुशी देने वाले हैं, दूसरों को बधाई देने वाले हैं। दूसरों की आस करने वाले हैं। दूसरों के सुख दुख में शामिल होते हैं और हम सरकार के इस फैसले को अच्छा मानते हैं।

इस विषय पर समाज कल्याण अधिकारी सूरज कुमारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जो मंगला मुखी (किन्नर) है इनकी जनगणना पूरी हो, कुछ कैटिगराइज करके इनको लाभ देने के लिए कुछ स्कीमें बन सके। इससे क्या होगा कि जैसे इनकी पेंशन योजना हो गई। आवास योजना हो गए या फिर एजुकेशन हो गया, स्वास्थ्य हो गया इन सब से इनको सैचुरेट किया जा सकेगा। इसके लिए सरकार का प्राथमिक कार्य यह है इनको पहचान पत्र दिलाया जाए और प्रत्येक जनपद स्तर पर डीएम साहब की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। जैसे कि रामपुर जनपद में कमेटी का गठन किया जा चुका है। अब तक जो यहां के पहचान पत्र बनने की स्थिति है वह काफी निराशाजनक हैं। अब तक जनपद में मात्र 3 ही पहचान पत्र बन पाए हैं। मैं सभी लोगों से अपील करती हूं कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में इनसे जुड़ें, इनसे बात करें इनको इनकी पहचान से अवगत कराएं।

 

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