उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एलपीजी सिलेंडर और अन्य विस्फोटक सामग्री को ट्रैक पर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश के सिलसिले में 2 स्थानीय हिस्ट्रीशीटरों समेत 6 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। कानपुर पश्चिम के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजेश कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि की है। सिंह ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों से गहन पूछताछ की जा रही है, लेकिन मीडिया से विस्तृत जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया। पुलिस का कहना है कि इस खुलासे से जांच प्रभावित हो सकती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 287 (आग या ज्वलनशील पदार्थ के संबंध में लापरवाही पूर्ण आचरण), 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य) और विस्फोटक अधिनियम, 1884 तथा रेलवे अधिनियम के प्रावधानों के तहत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) हरीश चंद्र ने सोमवार को यहां बताया कि रविवार रात 8 बजकर 20 मिनट पर प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस के चालक ने बिल्हौर रेलवे स्टेशन से कुछ दूर पहले पटरी पर एक रसोई गैस सिलेंडर रखा देखा। इस पर उसने आपातकालीन ब्रेक लगा दी मगर ट्रेन सिलेंडर से टकरा गई और थोड़ा आगे जाकर रुक गयी। सिलेंडर भी उछलकर दूर जा गिरा।” उन्होंने कहा कि गनीमत रही कि सिलेंडर इंजन में फंसकर फटा नहीं, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। साथ ही अचानक आपातकालीन ब्रेक लगने से ट्रेन पटरी से उतर भी सकती थी। ट्रेन करीब 20 मिनट तक घटनास्थल पर रुकी रही और जांच के लिए इसे बिल्हौर स्टेशन पर रोका गया। चंद्र ने बताया कि सूचना मिलने पर वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की।
मामले को सुलझाने में उनकी मदद के लिए फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) भी मामले की जांच कर रहा है। उन्होंने बताया कि घटनास्थल के पास क्षतिग्रस्त सिलेंडर के अलावा पेट्रोल से भरी बोतल और माचिस सहित कई संदेहास्पद चीजें भी बरामद की गई है। संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कहा कि उन लोगों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है, जिन्होंने ट्रेन को पटरी से उतारने के इरादे से गैस सिलेंडर और अन्य आपत्तिजनक सामग्री पटरियों पर रखी थीं। सिंह ने बताया कि घटना में आतंकवादियों का हाथ होने की आशंका के मद्देनजर आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने भी मामले की अलग से जांच शुरू की है।
राज्य के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने रेलवे ट्रैक पर रसोई गैस सिलेंडर पाए जाने के बाद आतंकवाद रोधी दस्ते के भी मौके पर पहुंचने के बारे में लखनऊ में संवाददाताओं को बताया कि हम सभी पहलुओं को देखेंगे और बिना पूरी जांच-पड़ताल किये, इस पर कुछ भी कहना अभी संभव नहीं है।” उन्होंने कहा कि हमारे सारे वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया है। हम लोग चीजों को गंभीरता से देख रहे हैं और जिस तरह के तथ्य प्रकाश में आएंगे हम उसे मीडिया को अवगत करेंगे।” पुलिस के अनुसार मामले की जांच के लिए पुलिस के वरिष्ठ रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का भी निर्णय लिया गया। एसआईटी हाल ही में पनकी में करीब 20 दिन पहले हुए साबरमती एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के मामले की जांच करेगी।
इस बीच खुफिया ब्यूरो, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और उप्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने रेलवे ट्रैक का सर्वेक्षण किया। इस बीच अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) हरीश चंद्र ने पुष्टि की है कि उन्होंने 4-5 ग्राम विस्फोटक पाउडर के अलावा पेट्रोल और बाती से भरी बोतलें, माचिस और एलपीजी सिलेंडर बरामद किए हैं, जिन्हें ट्रेन को पटरी से उतारने के लिए पटरियों पर रखा गया था। उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर बुलाए गए फोरेंसिक विशेषज्ञों ने विस्फोटक पाउडर की जांच की और वे सुझाव देंगे कि फोरेंसिक जांच किस केंद्रीकृत प्रयोगशाला से कराई जानी चाहिए। अधिकारी ने आगे कहा, “इस निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी कि साजिश के पीछे आतंकवादी समूह हैं या नहीं, क्योंकि पुलिस इसके पीछे किसी भी संभावना से इनकार नहीं कर सकती।
इस बीच, बसपा प्रमुख मायावती ने मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, “कानपुर में रेलवे पटरी पर गैस सिलेंडर आदि रखकर रेल दुर्घटना कराने के षडयंत्र का विफल होना संतोषजनक। इसकी उच्च स्तरीय जांच-पड़ताल के बाद दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई जरूरी, ताकि जन व रेल सुरक्षा बनी रहे।” इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रेलवे ने इस संबंध में शिवराजपुर में अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, विस्फोटक अधिनियम और रेलवे अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी है। आरोप है कि पेट्रोल से भरी बोतल के अलावा एलपीजी सिलेंडर को पटरी पर रखकर विस्फोट की कोशिश की गई। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की अगुवाई में पांच टीम गठित की गयी हैं।
पुलिस उपायुक्त (पश्चिमी) राजेश कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस टीमें मामले की विस्तृत जांच करेंगी और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेंगी। उन्होंने बताया कि सहायक पुलिस उपायुक्त को भी साजिशकर्ताओं के बारे में जानकारी जुटाने और मामले को सुलझाने में पुलिस टीमों की मदद करने के लिए कहा गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आसपास के इलाकों में जमातियों की तलाश करने और उनसे पूछताछ करने का भी फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि मौके से मिठाई का एक डिब्बा मिलने के बाद पुलिस की एक टीम कन्नौज भी भेजी गई है। उम्मीद है कि इससे पुलिस को मामले की जांच में मदद मिलेगी।